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१४६. तार : मुहम्मद अलीको
खुलना
[१७ जून, १९२५]
दिल्लीके उपद्रवोंके[१] सिलसिलेमें दोषी या अपराधी कौन इसपर कुछ कहना नहीं चाहता। आपकी सत्यनिष्ठा और धर्मपरायणतापर पूरा-पूरा विश्वास है। ईश्वर हम सबका पथप्रदर्शन करे।
गांधी
अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १०६४४) की फोटो-नकलसे।
१४७. तार : बासन्तीदेवी दासको[२]
[खुलना
१७ जून, १९२५]
बसन्तीदेवी दास
स्टेपअसाइड
दार्जिलिंग
स्टेपअसाइड
दार्जिलिंग
हृदयकी सारी समवेदना आपके साथ। ईश्वर आपको शक्ति दे। आशा है आप बहादुरीसे काम लेंगी। बेबीको[३] बहुत ज्यादा दुःखी नहीं होने देना चाहिए। शामको कलकत्ता पहुँच रहा हूँ।
गांधी
अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १०६४४) की फोटो-नकलसे।