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१६८. अपील : देशबन्धु स्मारकके लिए

कलकत्ता
२२ जून, १९२५

जनताको शायद मालूम होगा कि स्वर्गीय देशबन्धु चित्तरंजन दासने रसा रोडपर चार बीघेसे कुछ अधिक भूमिपर स्थित अपना विशाल बंगला अपने जीवनकालमें ही विभिन्न सार्वजनिक कार्योंके लिए दान कर दिया था और उसका एक ट्रस्ट बना दिया था। ट्रस्टियोंने हमको सूचित किया है कि उस सम्पत्तिका वर्तमान मूल्य ३,२५,००० रू॰ आँका गया है और उसपर २,२०,००० रुपयेका कर्ज है। इसलिए वास्तवमें दान लगभग १,०५,००० रुपयेका हुआ।

हम लोगोंको, जिनके हस्ताक्षर नीचे दिये गये हैं, पूर्ण विश्वास है कि बंगालके लोग इस दिवंगत देशभक्तके योग्य एक स्मारक अवश्य बनाना चाहेंगे। १८ तारीखको कलकत्तामें जो अभूतपूर्व शोकप्रदर्शन हुआ और दिवंगत आत्माको श्रद्धांजलि देनेके लिए देश-भरमें जो सभाएँ हुईं उनसे भी इस बातका स्पष्ट प्रमाण मिला हैं। हमारा खयाल है कि उल्लिखित ट्रस्ट बनानेमें देशबन्धुका मुख्य हेतु बंगालकी महिलाओंका उत्थान था और उसमें हम लोगोंका सहायक होना ही उनके उद्देश्यको फलीभूत करनेका सर्वोत्तम मार्ग है। हमारी समझमें देशबन्धुकी अभिलाषा पूरी करनेका अच्छेसे-अच्छा तरीका यही होगा कि महिलाओंके लिए एक ऐसा अस्पताल बनाया जाये जिसमें जातिगत या धर्मगत कोई भेदभाव न किया जाये और साथ ही नर्सोंके प्रशिक्षणके लिए भी एक संस्था खोली जाये।

अनुमान है कि इसके लिए दस लाख रुपयेसे कमकी राशिसे काम नहीं चलेगा। हम समझते हैं कि दिवंगत देशबन्धुके स्मारकके लिए दस लाख रुपये की राशि किसी भी अर्थमें कोई बहुत बड़ी राशि नहीं है। इसीलिए हम बंगालकी जनतासे इतनी राशिके लिए अपील करते हैं। हमारी इच्छा है कि इस स्मारकको दलगत विचारोंसे अलग रखा जाये, जिससे कि देशबन्धुकी महत्ता समझनेवाले सभी लोग इसमें योगदान कर सकें; फिर चाहे देशबन्धुके राजनीतिक विचारोंसे वे सहमत न भी रहे हों। वर्तमान ट्रस्टियोंके नाम ये हैं:

डा॰ बिधानचन्द्र राय

श्रीयुत निर्मलचन्द्र चन्द्र

श्रीयुत तुलसीचन्द्र गोस्वामी

कुमार सत्यमोहन घोषाल

श्री नलिनीरंजन सरकार

इन व्यक्तियोंने इस ट्रस्टको निर्दलीय रूप देनेके लिए इसमें शामिल होनेकी सहमति दे दी है और विशेषाधिकारके बलपर उन्होंने ट्रस्टियोंके रूपमें दो और सज्जनों