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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
२२७. हम परियाको निरन्तर गालियाँ क्यों देते हैं? क्या उसमें वैसा ही माँस और रुधिर नहीं है जैसा हममें है? तब वह परमात्मा किस वर्णका है जो उस परियामें (तथा अन्य मनुष्योंमें भी) व्याप्त है?
२३१. कोई मनुष्य भले ही जन्मसे पंचम हो, यदि वह अपने हृदयको शुद्ध रखता है तो वह पंचम नहीं है। जो अपनी वासनाओंपर काबू नहीं रख सकता वह पतितोंसे भी पतित है।
२३४. वशिष्ठकी माँ वेश्या थी तथा पत्नी शूद्रा; फिर भी वशिष्ठ भगवान रामके गुरु बने। वे कठोर तपस्यासे ब्राह्मण बन गये थे। लेकिन यदि तुम उनके वर्णकी ओर देखो तो उनका वर्ण क्या था?

उद्धरणोंसे मालूम होता है कि हिन्दुओंके हृदय तथाकथित अछूतोंके प्रति अमानुषिक व्यवहारसे अति दुःखित थे। वेमनाने अपने ही भाई-बन्दोंको गिराने तथा दबानेकी जोरदार और असन्दिग्ध भाषामें भर्त्सना की है।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २-७-१९२५
 

२०४. देशबन्धु-स्मारक कोष

मित्रोंने मुझे जोर देकर कहा है कि जो स्मारक-कोष जुटाया जा रहा है, उसके हितमें पूर्वनिर्धारित दौरेके लिए मेरा फिलहाल कलकत्ता न छोड़ना आवश्यक है। मैं यहाँ अपनी उपस्थितिकी उपयोगिता जरूर समझता हूँ, लेकिन सतकौड़ी बाबूसे बातचीतके बाद मैं इसी निष्कर्षपर पहुँचा हूँ कि दौरेका पूर्व प्रकाशित कार्यक्रम छोड़ना नहीं चाहिए। आखिरकार जो चन्दा लगातार चला आ रहा है, वह उन हजारों लोगोंकी ओरसे ही तो आ रहा है जो अपने हृदयोंमें कृतज्ञता महसूस करते हैं। व्यक्तिगत रूपसे मेरे मनमें यह आशंका कभी नहीं उठी कि बंगाल उदारतापूर्वक चन्दा न देगा। हमारा राष्ट्र कृतघ्न नहीं है और कृतज्ञतामें कोई दूसरा प्रान्त बंगालसे बढ़कर हो ही नहीं सकता। समुचित उद्देश्य सामने आनेपर बंगाल ऊँचेसे-ऊँचे स्तरतक उठनेकी क्षमता रखता है। और देशबन्धुके सम्मानमें स्मारक खड़ा करनेसे अधिक उचित पवित्र- तथा आवश्यक उद्देश्य और कौन-सा हो सकता है? इसलिए मैं चन्दोंके लगातार आते रहनेको निरापद् करनेके लिए कलकत्तमें अपनी उपस्थिति परमावश्यक नहीं मानता और इस पूरे विश्वासके साथ दौरा सम्पन्न करूँगा कि दान अटूट क्रमसे तब-तक आता रहेगा जबतक दस लाखकी पूरी रकम इकट्ठी नहीं हो जाती। यह लेख लिखते समय मुझे ज्ञात हुआ है कि अभीतक आई हुई रकम २,४०,००० रु॰ से ऊपर है; जिसमें से ६१,००० रु॰ से अधिक तो आजका ही चन्दा है, जो अभी कोषाध्यक्षके पास पहुँचना है। यदि चन्दा इसी प्रकार आता रहा, और न आते रहनेका कोई कारण नहीं है तो इस महीनेके मध्यतक हम दस लाख जमा कर लेंगे। यह बात कि हम