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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

राष्ट्रीय शिक्षामें अपना विश्वास बनायें रखेंगे, वे ही राष्ट्रीय शिक्षाकी गौरव-वृद्धि करेंगे। मेरा राष्ट्रीय शिक्षामें विश्वास है, इसलिए मैं तो इस उतारसे नहीं घबराता। मैं जानता हूँ कि जिसमें उतार आता है उसमें चढ़ाव भी अवश्य ही आता है। इसलिए विश्वासी लोग अपना विश्वास न त्यागें। स्नातकोंको धन्वा देनेका प्रश्न टेढ़ा है। राष्ट्रीय शिक्षाको अभी ऐसा स्वरूप प्राप्त नहीं हुआ है कि किसी भी स्नातकको धन्धेकी चिन्ता करने की जरूरत ही नहीं हो। कुछ स्नातक तो राष्ट्रीय शिक्षाके क्षेत्रमें खप जायेंगे। किन्तु अधिकांश स्नातकोंके लिए कोई धन्धा चाहिए और वह धन्धा खादीके क्षेत्रमें ही मिल सकता है। केवल यही राष्ट्रीय क्षेत्र प्राणवान है; अतः इसीमें अधिकसे-अधिक युवक खप सकते हैं। इस क्षेत्रके लिए तो बहुत-से स्नातक तैयार किये जाने चाहिये। सूत कातकर आजीविकामें वृद्धि करना निर्धनोंका और कताईका प्रचार करनेके लिए सूत कातना यह मध्यम वर्गका काम है। मैं बंगालमें देख रहा हूँ कि इस प्रचार-कार्यको करके सैकड़ों युवक सामान्यतः अपनी आजीविका कमा सकते हैं। मैं इस सम्बन्धमें आँकड़े प्राप्त कर रहा हूँ। इसको जानकर लोगोंको हर्ष और आश्चर्य हुए बिना न रहेगा।

किन्तु इस कार्यमें वे ही युवक लग सकते हैं, जिनका खादीकी शक्तिमें विश्वास हो और जिनमें उसका काम सीखनेका धीरज हो। जिनकी चरखे और खादीमें श्रद्धा न हो, मैं मानता हूँ कि उनका राष्ट्रीय शिक्षामें पड़ा रहना व्यर्थ है।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, १९-७-१९२५
 

२४९. पत्र : मोतीलाल नेहरूको

कलकत्ता
१९ जुलाई, १९२५

प्रिय पण्डितजी,

मैं पिछले कुछ दिनोंसे यह सोच रहा कि मैं देशबन्धुकी यादगार कायम रखनेके लिए और लॉर्ड बर्कनहेडके भाषणसे उत्पन्न स्थितिके सम्बन्धमें स्वयं अपनी तरफसे क्या विशिष्ट योगदान कर सकता हूँ। मैं इस परिणामपर पहुँचा हूँ कि मुझे स्वराज्यदलको पिछले सालके करारके समस्त दायित्वोंसे मुक्त कर देना चाहिए। इस कार्यका फल यह होगा कि अब कांग्रेसके लिए प्रधानतः कताई संस्था बना रहना आवश्यक नहीं रह जायेगा। मैं मानता हूँ कि उस भाषणसे उत्पन्न परिस्थितिमें स्वराज्यदलके बल और प्रभावको बढ़ानेकी आवश्यकता है। यदि मैं इस दलको मजबूत बनानेके लिए जो भी कदम उठा सकता हूँ उसे न उठाऊँगा तो मैं अपने कर्त्तव्यका पालन न करूँगा। यह तभी हो सकता है जब कांग्रेस प्रधानतः राजनैतिक संस्था बन जाये। उस करारके अनुसार कांग्रेसका कार्य रचनात्मक कार्यक्रमतक ही मर्यादित है। मैं