पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 27.pdf/५११

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४७९
पत्र : 'स्टेट्समैन' को

दारीका निर्णय उन मित्रोंपर जो मेरे पास आये थे, न छोड़कर मैं स्वयं बिना किसी शर्तके उसका नाम स्वीकार किये जानेकी सिफारिश करता।

यह निश्चित है कि मौलानाने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपसे कभी मुझसे ऐसा नहीं कहा कि उन्होंने जे॰ एम॰ सेनगुप्तके नामकी इसलिए सिफारिश की थी कि निगम या उसके बाहर कोई ऐसा योग्य और ईमानदार मुसलमान नहीं है जो इस विशिष्ट पदका अधिकारी माना जाता। उन्होंने तो केवल यह कहा था कि उनकी इस सिफारिशके पीछे एक राजनीतिक उद्देश्य है——वह यह कि स्वराज्यवादी दलको उसके सुविख्यात नेताके अभावमें यथासम्भव आकस्मिक सहायता दी जाये। मेरे भाषणकी रिपोर्टसे चाहे कोई भी अर्थ निकाला जा सकता हो, लेकिन जनता मेरे इस आश्वासनको सही मानेगी कि मेरे और मौलानाके विचारमें यह बात कभी भी नहीं आई कि ऐसा कोई ईमानदार और योग्य मुसलमान है ही नहीं, जिसके नामकी सिफारिश इस पदके लिए की जा सके। चूँकि कलकत्तामें मौलानाके अलावा किसी अन्य मुसलमानको मैं पर्याप्त रूपसे नहीं जानता हूँ इसलिए निस्सन्देह मेरे लिए यह कहना हास्यास्पद होता कि कोई ऐसा ईमानदार और योग्य मुसलमान है ही नहीं, जिसे इस पदपर स्थापित किया जा सके। वस्तुतः यदि मौलाना साहब ने मुझे उपर्युक्त सुझाव न दिया होता या वह सुझाव मुझे ठीक न जँचा होता, तो मैं श्री सुहरावर्दीके दावेको पूरा करनेके प्रयत्न जारी रखता, क्योंकि मुझे उनकी योग्यताके बारेमें कुछ-कुछ मालूम हो चुका था और उनके डिप्टी मेयरके पदपर प्रतिष्ठित हो चुकनेके कारण उनकी ईमानदारीके बारेमें विश्वास करनेका मुझे अधिकार था।

[अंग्रेजीसे]
फॉरवर्ड, ३१-७-१९२५
 

२८४. पत्र : 'स्टेट्समैन' को

१४८, रसा रोड
कलकत्ता
३१ जुलाई, १९२५

आजके 'स्टेट्समैन' में 'सविनय अवज्ञा' शीर्षकसे जो लेख निकला है, मैं यह पत्र उसके उत्तरमें भेज रहा हूँ। आशा है, आप इसे स्थान देनेकी कृपा करेंगे। आपको देशमें सविनय अवज्ञाका वायुमण्डल तैयार करनेकी मेरी इच्छामें और यूरोपीय संघमें दिये गये उस भाषणके इन शब्दोंमें कि 'मैं सहयोगके लिए मर रहा हूँ'——विसंगति दिखाई देती है। मैंने यूरोपीय संघमें वह भाषण २४ जुलाईको दिया था। 'यंग इंडिया' गुरुवारको प्रकाशित होता है और मैं उसके लिए लेख उससे पहले, शनिवारको लिखता हूँ। आपने सविनय अवज्ञाका जो हवाला दिया है वह २३ जुलाईके 'यंग इंडिया' में छपा है। मैंने ये तारीखें इसलिए दी हैं कि आपको यह मालूम हो सके