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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

प्रस्तावपर विचार करे? यदि बात ऐसी ही हो तो मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि कोई भी आत्माभिमानी भारतवासी ऐसी गिरानेवाली शर्त स्वेच्छासे कबूल न करेगा।

आपका,
मो॰ क॰ गांधी

[अंग्रेजीसे]
स्टेट्समैन, १-८-१९२५

२८५. भाषण : कलकत्ताकी सार्वजनिक सभामें[१]

३१ जुलाई, १९२५

महात्मा गांधीने जो इस सभाके अध्यक्ष थे, कहा कि दिवंगत देशभक्तको जो दो चीजें बहुत प्रिय थीं उनमें से एक थी हिन्दू-मुस्लिम एकता; वे निश्छल भावसे, पूर्ण हिन्दू-मुस्लिम एकताके हामी थे। वे स्वदेशीके भी एक जबरदस्त हिमायती थे। जिस जमानमें रसूल जीवित थे, वह जमाना अपेक्षाकृत पुराना था और मैं आप लोगोंको उनका सन्देश मौजूदा जमानेकी भावनाको सामने रखकर समझाना चाहता हूँ। १९२० में राष्ट्रके लिए जो कार्यक्रम तैयार किया गया था उसमें हिन्दू-मुस्लिम एकता तथा स्वदेशी, दोनोंपर काफी जोर दिया गया था। किन्तु हमने इन दोनों चीजोंको नया अर्थ दिया। हमने तब निर्णय किया कि इतना ही काफी नहीं है कि कुछ शिक्षित भारतीय ही कन्धेसे-कन्धा मिलाकर चलें, साथ-साथ काम करें और सम्भवतः सामाजिक रूपसे भी आपस में मिलें-जुलें। उन दिनों हमें यह आवश्यक जान पड़ा कि उस सन्देशको जनता तक पहुँचाया जाये। हम इस कार्यको अभी आधा भी नहीं कर पाये हैं, सच तो यह है कि उसे प्रारम्भ भी नहीं किया गया है। सभी लोग हिन्दू-मुस्लिम एकता चाहते हैं, किन्तु वह केवल बातोंसे नहीं मिल सकती। जब हिन्दू थोड़े-से भी प्रत्युपकार अथवा पुरस्कारकी इच्छा किये बिना मुसलमानोंकी सेवा करना सीख लेंगे और मुसलमान लोग भी उसों निष्काम भावसे हिन्दुओंकी सेवा करना सीखेंगे, तभी, केवल तभी हिन्दू-मुस्लिम एकता स्थापित होगी। स्वदेशीका नया अर्थ यह नहीं है कि हम किसी वस्तुके——फर्ज कीजिये घड़ी या हार्मोनियमके——भिन्न-भिन्न पुर्जोको बाहरसे आयात कर लें और फिर यहाँ उनसे पूरी वस्तु तैयार करके उसे स्वदेशीके नामसे पुकारने लगें। अब स्वदेशीका अर्थ यह हो गया है कि वस्तुका प्रत्येक हिस्सा भारतमें ही बनाया गया हो। हमारी समझमें अब यह बात आ गई है कि अगर हम स्वदेशीका विकास चाहते हैं तो हमें सबसे पहले खद्दर अपनाना चाहिए। उसीमें स्वदेशीके सब पहलू सन्निहित हैं। शब्दकोशके अनुसार स्वदेशोका यह आधुनिक अर्थ है और जबतक हम इस चीज——खद्दर——को नहीं अपना लेते तबतक अब्दुर्रसूलके प्रिय स्वप्नको हम साकार नहीं बना सकते।

  1. यह सभा अब्दुर्र सूलकी आठवीं बरसीके अवसरपर एल्बर्ट हॉलमें आयोजित की गई थी।