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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

९. मई : दिघीरपुरकी राष्ट्रीय पाठशाला देखने गये। सार्वजनिक सभामें संघ निकायने अभिनन्दन-पत्र भेंट किया।

तालटोलाके कार्यकर्त्ताओंकी सभामें भाषण दिया।
मलखानगरमें भाषण दिया।
एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडियाके प्रतिनिधिसे भेंट की।

१०. मई : पूरन बाजारके व्यापारी संघकी सभामें भाषण दिया।

चाँदपुरकी सार्वजनिक सभाओंमें मानपत्र प्राप्त किये और भाषण दिये।
चाँदपुरकी राष्ट्रीय पाठशालामें छात्रोंसे मिले और उनसे प्रतिदिन सूत कातनेका आग्रह किया।

१२ मईसे पूर्व : हरदयाल नागके साथ हुई भेंटमें स्वराज्यवादियोंसे मौलिक विषयोंपर मतभेद होनेका खण्डन किया।

१२ मई : सुबह चटगाँव पहुँचे।

सार्वजनिक सभामें कहा, "खद्दरके बिना सविनय अवज्ञा असम्भव है।"

१३ मई : विद्यार्थियों और व्यापारियोंकी सभाओंमें भाषण दिये।

लॉर्ड मैस्टन ब्रिटिश संसदके दोनों सदनोंकी भारतीय मामलोंसे सम्बन्धित संयुक्त समितिके अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

१४ मई : गांधीजीने नवाखलीमें सार्वजनिक सभा और स्त्रियोंकी सभामें भाषण दिये। जिला अध्यापक संघके प्रतिनिधियोंसे भेंट की।

१५ मई : कोमिल्लाकी सार्वजनिक सभामें अभिनन्दन-पत्र भेंट किये गये;

गांधीजीने विद्यार्थियोंके समक्ष भाषण दिया।
कोमिल्लाके अभय आश्रममें गये।
विक्रमपुरके कार्यकर्त्ताओंके समक्ष भाषण दिया और घोषणाकी कि मैं कांग्रेससे अलग संगठन बननेके खिलाफ हूँ।

१६ मई : कोमिल्लामें स्त्रियोंकी सभामें बोलते हुए उन्हें सीताके आदर्शका अनुकरण करनेको कहा।

१७ मई : ढाकाकी सार्वजनिक सभामें लोगोंसे अपना काम अपनी मातृभाषा या हिन्दीमें चलानेका अनुरोध किया।

श्यामपुरमें नेशनल कालेज अस्पतालकी इमारतका शिलान्यास किया।

१९ मई : मैमनसिंहमें महिलाओंकी सभामें भाषण दिया।

महाराजाके महलमें आयोजित एक सभामें साम्प्रदायिक एकता तथा कताईकी आवश्यकतापर भाषण दिया।
जमींदारोंसे बातचीत की।

२१ मई : दीनाजपुरके अस्पृश्योंको अपनी दशाके सम्बन्धमें अधीर न होनेकी सलाह दी। सार्वजनिक सभामें भाषण दिया।

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