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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मैंने उत्तर दिया, "मैं दश अंगुलियो देकर रजिस्टर नीकलवाना चाहता हूँ, अगर तुम भी चलोगे तो तुमारे अंगुलियां देने की जरूरत नहीं हय । तुमारा रजिस्टर पहेले नीकलवाके मे अंगुलियाँ देकर मेरा नीकलवाऊँगा । "

मेरा इतना कहना ही था कि मेरी खोपड़ीपर पीछेकी ओरसे डण्डेका प्रहार हुआ । मैं 'हे राम! ' कहता हुआ औंधा गिर पड़ा और बेहोश हो गया। इसके बाद जो कुछ हुआ उसका मुझे कुछ पता नहीं। किन्तु मीर आलम और उसके साथियोंने मुझपर लाठियोंसे और प्रहार किये और मुझे ठोकरें भी मारीं । इनमें से कुछ चोटें ईसप मियाँ और थम्बी नायडूने झेलीं। इस तरह कुछ मार ईसप मियांपर और थम्बी नायडूपर भी पड़ी। इतनेमें शोरगुल मच गया। राह चलते गोरे इकट्ठे हो गये । मीर आलम और उसके साथी भागे; किन्तु उनको गोरोंने पकड़ लिया। तबतक वहाँ पुलिस भी आ गई और वे लोग पुलिसको सौंप दिये गये। इसके पास ही श्री जे० सी० गिब्सन नामके गोरेका दफ्तर था । लोग मुझे उठाकर उसीमें ले गये । जब मुझे कुछ देरमें होश आया तब मैंने पादरी डोकको अपने ऊपर झुका हुआ देखा । उन्होंने मुझसे पूछा, आप कैसे हैं ?

मैंने हँसकर उत्तर दिया, "मैं ठीक तो हूँ, किन्तु मेरे दांतों में और पसलियों दर्द है।" फिर मैंने पूछा, "मीर आलम कहाँ है ? "

उन्होंने कहा, "वह तो गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके साथके दूसरे लोग भी गिरफ्तार कर लिये गये हैं।"

मैंने कहा, "उनको छोड़ देना चाहिए। "

डोकने जवाब दिया, "यह सब तो हो ही जायेगा। यहाँ तो आप किसी दूसरेके दफ्तरमें पड़े हुए हैं। आपका होंठ फट गया है और गाल भी। पुलिस आपको अस्पतालमें ले जानेवाली है। किन्तु यदि आप मेरे यहाँ चलें तो मेरी पत्नी और मैं आपकी यथासम्भव सार-सँभाल करेंगे।"

मैंने कहा, “मुझे तो आप अपने घर ही ले चलें। पुलिस अधिकारियोंको उनके प्रस्तावके लिए धन्यवाद दे दें; किन्तु उनको यह कह दें कि मुझे आपके घर जाना पसन्द है। "

तबतक एशियाई दफ्तरके पंजीयन अधिकारी श्री चैमने वहाँ आ गये। वे मुझे एक गाड़ीमें लिटाकर स्मिथ स्ट्रीटमें इस भले पादरीके घर ले गये । डाक्टर बुलाया गया। इस बीच मैंने श्री चैमनेसे कहा : 'मैंने तो यह आशा की थी कि मैं आपके दफ्तरमें आकर दसों अँगुलियोंके निशान देकर पहला परवाना लूंगा। किन्तु यह ईश्वरको स्वीकार नहीं था । परन्तु अब मेरी प्रार्थना यह है कि आप अभी कागज ले आयें और मेरा पंजीयन कर लें। मुझे आशा है कि आप मुझसे पहले किसी दूसरेका पंजीयन नहीं करेंगे।"

उन्होंने कहा : "ऐसी क्या जल्दी है? अभी डाक्टर आयेगा । आप आराम करें बादमें सब-कुछ हो जायेगा। यदि मैं दूसरोंको परवाना दूंगा तो भी आपका नाम सबसे पहले रखूंगा।"