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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

उनका जेल जाना उनका आर्तनाद था। वह उनका शुद्ध यज्ञ था। प्रभु इस तरह अन्तरसे निकली प्रार्थनाको सुनते हैं। वे भक्तिपूर्वक अर्थात् निःस्वार्थ भावसे अर्पित पत्र, पुष्प या जल प्रेमसे स्वीकार करते हैं और उसका करोड़ गुना फल देते हैं । सुदामाके मुट्ठीभर चावलोंकी भेंटसे उनकी बरसोंकी भूख मिट गई। बहुतोंके जेल जानेका फल चाहे न भी मिले, किन्तु एक भी शुद्ध आत्माका भक्तिभावसे किया गया समर्पण कभी व्यर्थ नहीं जाता। कौन जानता है कि दक्षिण आफ्रिकामें किस-किसका यज्ञ फला था ? किन्तु इतना तो हम जानते हैं कि वलिअम्माका यज्ञ तो फला ही; और उन अन्य बहनोंका यज्ञ भी अवश्य फला ।

स्वदेशी-यज्ञमें और जगत्-यज्ञमें असंख्य लोगोंने आहुतियाँ दी हैं, इस समय दे रहे हैं और आगे देंगे। यही उचित भी है, क्योंकि कोई नहीं जानता कि कौन शुद्ध है। किन्तु सत्याग्रहियोंको इतना तो समझ ही लेना चाहिए कि उनमें से एक भी शुद्ध होगा तो उनका यज्ञ फल देनेके लिए पर्याप्त होगा। पृथ्वी सत्यके बलपर टिकी हुई है। असत् -- असत्य- --का अर्थ है "नहीं है"; सत् सत्य का अर्थ है "है ! जब असत्का अस्तित्व ही नहीं है तब वह सफल कैसे हो सकता है ? और जो सत् है उसका नाश कौन कर सकता है ? " इसीमें सत्याग्रहका समूचा शास्त्र आ जाता है।

अध्याय ४१

मजदूरोंकी धारा

बहनोंके इस त्यागका मजदूरोंपर अद्भुत असर हुआ। न्यूकैंसिलके पासकी खानोंके मजदूरोंने अपने औजार डाल दिये और वे धाराकी तरह नगरकी ओरं उमड़ चले। ज्यों ही मुझे खबर मिली त्यों ही मैं फीनिक्ससे चल पड़ा और न्यूकैंसिल पहुँच गया।

इन मजदूरोंके अपने घर नहीं होते। उनके रहनेके लिए मालिक ही घर बनाते हैं, वे ही उनकी गलियों में रोशनीका इन्तजाम करते हैं और वे ही उन्हें पानी भी देते हैं, इसलिए मजदूर हर तरहसे पराधीन होते हैं और तुलसीदासजीने कहा है :

"पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं । "

हड़तालियोंने मेरे पास अनेक प्रकारकी शिकायतें पेश कीं। कोई कहता, 'मालिकोंने हमारी गलियोंकी बत्तियाँ बन्द कर दी हैं", कोई कहता, "उन्होंने पानी बन्द कर दिया है", कोई कहता, "वे हड़तालियोंका सामान उनकी कोठरियोंसे बाहर फेंके दे रहे हैं। एक पठानने आकर मुझे अपनी पीठ दिखाई और कहा, 'यह देखो। मुझे कैसा मारा है, उन्होंने। मैंने इन बदमाशोंको आपकी खातिर छोड़ दिया है। आपका यही हुक्म है। मैं पठान हूँ और पठान कभी मार खाता नहीं, मार मारता है । "

१. खण्ड २३ में १९२२ की डायरी भी देखिए ।