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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

किन्तु हमें उक्त सभाकी बात मालूम हो गई थी; इसलिए फोक्सरस्टके गोरे कुछ झगड़ा करते तो हम इसके लिए तैयार थे । वहाँ इतनी पुलिस इकट्ठी की गई थी, उसका अर्थ भी इन गोरोंको मर्यादा-भंग करने से रोकना हो सकता था। कुछ भी हो। हमारा काफिला तो वहाँसे शान्तिसे गुजर गया। किन्तु किसी गोरेने कोई छेड़खानी भी की हो, यह मुझे तो याद नहीं आता। इस नये आश्चर्यको देखनेके लिए जनता वहाँ उमड़ आई थी। हमें उनमें से कुछकी आँखोंमें मंत्रीभावकी झलक भी दिखाई दी।

हमें पहले दिन वहाँसे आठ मील दूर पामफोर्ड स्टेशनपर पड़ाव डालना था। हम वहाँ सायंकाल पाँच या छः बजे पहुँच गये। लोग रोटी और चीनी खाकर मैदान- की खुली हवामें लेट गये । कोई भजन गाता तो कोई बातें करता । कुछ स्त्रियाँ रास्ते में थक गई थीं। उन्होंने अपने बच्चोंको गोदमें लेकर चलने की हिम्मत तो की थी; किन्तु यहाँसे आगे बढ़ना उनकी शक्तिसे बाहर था। इसलिए मैंने उन्हें साव- धानीके विचारसे एक सज्जन हिन्दुस्तानीकी दूकानमें ठहरा दिया और उसे ताकीद कर दी कि यदि हम टॉल्स्टॉय फार्म पहुँच जायें तो वह उन्हें वहाँ भेज दे। किन्तु यदि हम गिरफ्तार कर लिये जायें तो वह उन्हें उनके घर पहुँचा दे । हिन्दुस्तानी व्यापारीन मेरी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली ।

ज्यों-ज्यों रात अधिक हुई त्यों-त्यों कोलाहल कम हुआ। मैं भी सोनेकी तैयारी कर रहा था। इतनमें ही मुझे खड़खड़ाहट सुनाई दी और मैंने एक गोरेको हाथमें लालटेन लिये आते देखा। मैं सचेत हो गया । मुझे कुछ तैयारी तो करनी ही नहीं थी। पुलिस अधिकारीने मुझसे कहा,

“मेरे पास आपके नाम वारंट है; मुझ आपको गिरफ्तार करना है। "

मैंन पूछा, कब ? " " उत्तर मिला, "अभी । "

आप •मुझे कहाँ ले जायेंगे ? " " अभी तो पासके स्टेशनपर ले जाऊँगा, और जब गाड़ी आयेगी तब उसमें बिठाकर फोक्सरस्ट ले जाऊँगा।"

मैंने कहा, 'तब मैं किसीको जगाये बिना आपके साथ चलता हूँ, किन्तु अपने साथीको कुछ निर्देश दे दूं ? "

'खुशीसे दें । "

मैंने बगल में सोते हुए पी० के० नायडूको जगाया। मैंने उनसे कहा, "मैं गिर- फ्तार कर लिया गया हूँ आप सुबह होने से पहले लोगोंको न जगायें। सुबह होनेपर नियमानुसार कूच कर दें। कूच तो सूर्य निकलने से पहले ही करनी है। जहाँ विश्राम करें और लोगोंको रोटी बाँटें वहाँ उन्हें मेरी गिरफ्तारीकी बात बतायें। कोई बीचमें पूछे तो उसे भी बता दें । काफिलेको गिरफ्तार किया जाये तो सब गिरफ्तार हो जायें। यदि उसे कोई गिरफ्तार न करे तो निश्चित विधिसे कूच जारी रखा जाये । " नायडूको कोई भय तो था नहीं। मैंने उन्हें यह भी बता दिया कि यदि वे गिरफ्तार कर लिये जायें तो क्या किया जाये । फोक्सरस्टमें श्री कैलनबैक तो मौजूद थे ही ।