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मौलाना आजादकी अपील

तो वे वहां रह पा रहे हैं। प्रस्तावित कानूनके जरिये, भारतवासियों तथा यूरोपीय बाशिन्दों और वहाँके मूल निवासियोंके बीच मौजूदा स्वतन्त्र व्यापारिक सम्बन्ध खललमें डालनेका प्रयत्न किया जा रहा है। इसलिए यदि भारत सरकार दृढ़ बनी रहेगी तो संघ सरकारके किये कुछ न होगा। उन लोगोंके दिलोंमें भारतवर्षसे लाखों लोगोंके वहाँ जा बसनेका जो डर समाया हुआ था, वह १९१४ में दूर हो गया था, इसलिए संघ सरकारका कर्त्तव्य था कि वह वहाँके भारतवासियोंको व्यापार, जमीनकी मिल्कि- यत और अन्तरप्रवासके लिए इजाजत देती और उनके इन हकोंकी हिफाजत करती । लेकिन आज तो उस समझौतेको ही बदल डालनेका प्रयत्न किया जा रहा है। मैं पाठकोंके सुभीतेके लिए १९१४ के समझौतेसे सम्बन्ध रखनेवाला पत्र-व्यवहार' अन्यत्र फिर प्रकाशित कर रहा हूँ।

[ अंग्रेजी से ]

यंग इंडिया,२६-११-१९२५

९. मौलाना आजादकी अपील

मौलाना अबुल कलाम आजादने हिन्दू-मुस्लिम प्रश्नपर समाचारपत्रोंमें जो सन्देश प्रकाशित कराया है, उन्होंने उसकी एक नकल मेरे पास भी भेजनेकी कृपा की है। वे उन चन्द लोगों में से हैं जो हृदयसे हिन्दुओं और मुसलमानोंके बीच ऐक्य चाहते है। उन्होंने मुझसे इस प्रश्नपर विचार करने के लिए कार्य समितिकी बैठक बुलानेको कहा है। लेकिन कानपुर में कांग्रेस सप्ताह के शुरू होनेके पहले मैं कार्य समितिकी बैठक नहीं बुलाना चाहता। कांग्रेसका यह वार्षिक अधिवेशन अब बहुत दूर नहीं है; इस- लिए कार्य समितिको फिलहाल बुलानेकी आवश्यकता प्रतीत नहीं होती। मैं चाहता तो हूँ कि समिति इस समस्याका कोई हल सोच' निकाले; लेकिन मुझे यह बात स्पष्ट रूपसे स्वीकार कर लेनी चाहिए कि मुझे अब ऐसी कोई आशा नहीं रह गई है। लेकिन इससे मेरे कहनेका मतलब यह भी नहीं है कि मैं इस प्रश्नके हल किये जानेके बारेमें निराश ही हो गया हूँ । कांग्रेस इस प्रश्नका हल खोज सके और दोनों कौमोंको अपने निर्णयको कबूल करनेपर राजी कर सके, मुझे उससे ऐसी कोई आशा नहीं रह गई है। हम इस तथ्यको क्यों छिपायें कि कांग्रेस दोनों जातियोंमें जो लड़ने- वाले लोग हैं, उनका प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रही है? जबतक कांग्रेसका प्रभाव उन लोगोंपर नहीं पड़ता जो इन झगड़ोंमें भाग लेनेवाले लोगोंके पीछे रहकर काम कर रहे हैं और जबतक समाचारपत्रोंके वे सम्पादक जो झगड़ोंको बढ़ावा दे रहे हैं, ऐक्यकी आवश्यकता में विश्वास नहीं करने लगते या फिर स्थिति ही ऐसी नहीं हो

१. यहां नहीं दिया जा रहा है; देखिए खण्ड १२, परिशिष्ट २६ तथा पृष्ठ ४२९-३० ।

२. देखिए " दक्षिण आफ्रिकाके भारतीय ", २९-११-१९२५ भी ।