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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हरकतें न निर्दोष कही जा सकती हैं और न देशभक्तिमय । इससे मिलोंके खिलाफ व्यर्थ ही दुर्भाव उत्पन्न होता है । क्या मिल मालिक मण्डल इस प्रकारकी हरकतोंके सम्बन्धमें जिसका कि मुझे कई बार जिक्र करना पड़ा है कोई इन्तजाम न करेगा ?

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, ३-१२-१९२५

२८. गोरक्षापर निबन्ध

गोरक्षापर निबन्ध मांगे गये थे और उनमें से सर्वोत्तम निबन्धके लेखकको पुर- स्कार देनेकी घोषणा की गई थी। कुछ निबन्ध आ भी गये हैं । उनमें से अधिकांश बड़ी लापरवाही से लिखे गये हैं। कुछ तो कागजके दोनों तरफ लिखे हुए हैं। कुछ ऐसे हैं कि पढ़े ही नहीं जा सकते। भविष्य में जो इस स्पर्धामें भाग लेना चाहें उनसे प्रार्थना की जाती है कि वे अपना निबन्ध

(१) कागजके एक ही ओर लिखें।

(२) स्याहीसे आसानीसे पढ़े जा सकने योग्य बड़े हरफोंमें लिखें ।

(३) मजबूत कागजपर लिखें, पन्नोंकी जिल्द बांध दें तथा अपना पूरा नाम और पता भी लिखें।

इसमें भाग लेनेवालोंको इस बातसे भी आगाह किया जाता है कि अस्वीकृत किये गये निबन्ध वापस नहीं लौटाये जायेंगे। इसलिए उन्हें अपना निबन्ध भेजने के पहले उसकी प्रतिलिपि अपने पास रख लेनी चाहिए।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, ३-१२-१९२५

२९. तार : जमनालाल बजाजको

मनालाल बजाज

४ दिसंबर, १९२५

जमनालाल बजाज

वर्धा

पूरा आराम वर्धा में सम्भव ।

बापू

[ अंग्रेजीसे ]

पांचवें पुत्रको बापूके आशीर्वाद