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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

दो या तीन बीघेके नहीं सैकड़ों एकड़के खेत हुआ करते हैं और एक ही व्यक्ति उनका सोलहों आने मालिक होता है। आप जानते हैं कि भारतीय फेरीवाले दक्षिण आफ्रिकाके बोअर तथा यूरोपीय किसानोंकी कितनी बड़ी सेवा कर रहे हैं। झगड़ेका मूल कारण यही है ।

इस्लामसे खतरा

किसीने कहा है, यह याद नहीं है कि किसने, लेकिन कहा अभी-अभी है कि दक्षिण आफ्रिकाके गोरोंको वहाँ इस्लामके फैल जानेका डर है। जिस इस्लामने स्पेनमें संस्कृतिको प्रविष्ट किया और भारत तथा मोरक्कोमें सभ्यता फैलाई और जिसने सारी दुनियाको भ्रातृभावका सिद्धान्त सिखाया उस इस्लामसे खतरा कैसा ? उन्हें डर है कि अगर दक्षिण आफ्रिकाके मूल निवासी इस्लामको स्वीकार कर लेंगे तो वे बरा- बरीका दर्जा माँगेंगे। यदि इस बातसे डरते हैं तो डरें। भाईचारेकी भावना यदि पाप है और यदि वे काले लोगोंको बराबरीका दर्जा मिल जाने से डरते हैं तब तो कहा जा सकता है कि उनका डर बेजा है। क्योंकि मैंने देखा है कि यदि कोई जुलु ईसाई धर्म अंगीकार कर लेता है तो ऐसा करते ही लाजिमी तौरपर वह अन्य सारे ईसाइयोंके बराबरका नहीं हो जाता। परन्तु यदि वही व्यक्ति इस्लाम धर्म ग्रहण कर लेता है तो वह उसी दिनसे सब मुसलमानोंके साथ बराबरीके दर्जेपर खानपान करने लगता है। उन्हें डर इसी बातका है। हकीकत यही है कि उन्हें आलमगीर बनना है, दुनियामें जितनी भी जमीन है, सब पचा लेती है। कैंसरकी सब शान मिट गई है; वह पददलित है; फिर भी उसे एशियाई संगठनका डर लगा हुआ है और देशनिकाला हो जानेपर भी एक कोने में बैठा हुआ वह यही आवाज लगाता रहता है कि यह ऐसा संकट है जिससे यूरोपीयोंको सावधान रहना चाहिए। यही तो संस्कृतिका झगड़ा है और इसीलिए लॉर्ड रीडिंग में उनके घरेलू इन्तजाममें हस्तक्षेप करनेकी शक्ति नहीं है ।

इस संघर्षके परिणाम भयंकर हो सकते हैं। प्रस्तावमें इस संघर्षको असमान प्रतिपक्षियोंका युद्ध कहा गया है और प्रस्ताव द्वारा इस असमान युद्धमें कांग्रेससे अपना कर्तव्य निबाहनेके लिए कहा गया है। यदि मेरी आवाज दक्षिण आफ्रिका जैसे सुदूर देशतक पहुँच सकती है तो मैं वहाँके राजनीतिज्ञोंसे जिनके हाथमें दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंका भविष्य है [ न्याय करनेकी.] अपील करना चाहता हूँ ।

उज्ज्वल पहलू

अबतक मैंने दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंसे सम्बन्धित धूमिल पहलूको ही प्रस्तुत किया है। मुझे यहाँ यह भी कह देना चाहिए कि इन गोरोंमें कितने ऐसे भी हैं, जिन्हें मैं अपना अति मूल्यवान मित्र समझता हूँ। दक्षिण आफ्रिकाके गोरोंमें से कुछ व्यक्तियोंने मुझपर अपना प्रेम बरसाया है और मेरा बहुत आतिथ्य सत्कार किया है। मुझे इस बातका भी गर्व है कि दक्षिण आफ्रिकाकी उस त्यागकी मूर्ति, दानशीला

महिला ऑलिव श्राइनरसे जो कि एक प्रख्यात कवयित्री हैं मेरी घनिष्ट मंत्री रही