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१०८. पत्र : मणिबहन पटेलको

बुधवार,६ जनवरी, १९२६

चि० मणि,

मैंने तुम्हें एक पत्र विनोबाके पत्रके साथ भेजा था। वह तो तुम्हें मिला ही न होगा; क्योंकि विनोबा तो यहाँ हैं। तुम्हारा पत्र कल मिला। चि० कमलाको जो पसन्द हो वही पढ़ाया जाये। एक दो हिन्दी पुस्तकें ले ली जायें और उससे वे पढ़वाई जायें। उसका अंकगणित बहुत कच्चा है, इसलिए उसे वह सिखाया जाये। वह गुजराती समझ लेती है और भी जो विषय उसे पसन्द हों वे सिखाये जायें। उसके साथ 'रामायण' के कुछ अंश पढ़ो तो भी ठीक है। मुख्य बात तो कमलाको अध्ययनमें रुचि पैदा करानेकी है। तुम मराठी लिखने-पढ़नेका अपना अभ्यास बढ़ाना। नित्य घूमने जाना और सब कार्य नियमपूर्वक करना।

बापूके आशीर्वाद

[गुजरातीसे]

बापुना पत्रो - ४ : मणिबहेन पटेलने

१०९. तार : सी० एफ० एन्ड्रयूजंको[१]

[६ जनवरी, १९२६ या उसके पश्चात्][२]

एन्ड्रयूज
मार्फत गुल
केपटाउन

ठीक समझो तो इंग्लैंड जरूर जाओ। भाग्यका फैसला संघ संसदमें होने तक तुम्हारा वहाँ ठहरना हर हालतमें अधिक अच्छा होगा।

गांधी

अंग्रेजी तार (एस० एन० ११९२५) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. १. यह एन्ड्रयूजके ४ जनवरीके निम्न तारके उत्तरमें दिया गया था: “मन्त्रिमण्डल द्वारा विधेयक के भाग्यका निर्णय १४ जनवरीको। इस समय दबाव डालनेकी आवश्यकता। सम्भवतः ७ को केपटाउन पहुँच रहा हूँ। शीघ्र ही इंग्लैंड जाना ठीक रहेगा। अपनी राय तारसे भेजें। "
  2. २. एन्ड्यूजके तारकी डाक मुहरसे।