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प्रार्थनापत्र: श्रीचेम्बरलेनको ७३

अश्वेत लोगोंके) रहने और रोजगार करनेके लिए निश्चित गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंका निर्देश कर दे।' यह शर्त उन लोगोंपर लागू नहीं होगी जो अपने मालिकों के स्थानोंमें रहते हैं ।

२. ऊपरकी शर्त के अनुसार, ३० जून १८९९ के पश्चात् , अरबों और अन्य एशियाइयोंको, केवल कानूनके अनुसार निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंमें रोजगार करनेके लिए एक परवाना दिया जायेगा।

३. जो कुली, अरव और अन्य एशियाई, अबतक इसी प्रयोजनके लिए निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंसे बाहर रोजगार करते हैं, उन्हें उसके लिए ३० जून १८९९ तकका एक परवाना बनवाना पड़ेगा, और उस तारीखके बाद यह परवाना केवल कानूनके अनुसार इस प्रयोजनके लिए निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियों में रोजगार चलानेके लिए दिया जायेगा ।

४. जो कुली और एशियाई और अन्य काले लोग इसी प्रयोजनके लिए निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंमें रहते हैं, उन्हें ३० जून १८९९ को समाप्त होनेवाली तिमाहीके लिए फेरीवालेका परवाना दिया जा सकता है।

५. जो कुली, अरब और अन्य एशियाई लोग गाव या कस्बेसे बाहर किसी स्थानपर रहते और रोजगार करते हैं उन्हें १ जुलाई १८९९ तकका समय दिया जाता है कि वे अपने निवास और रोजगारका स्थान कानूनके अनुसार इसी प्रयोजनके लिए निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंमें हटा लें। किन्तु उनको ३० जून १८९९ तफ अपने व्यवसायका परवाना भी ले लेना चाहिए ।

६. उपर्युक्त निश्चित तारीख जून ३०, १८९९ के बाद कुलियों, अरबों और अन्य सम्बद्ध एशियाइयोंको उक्त प्रयोजनके लिए निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंके बाहर व्यापारके लिए कोई परवाना नहीं दिया जायेगा। और जो लोग उस तारीखके बाद निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियों के बाहर विना परवानेके व्यापार करते पाये जायेंगे उन्हें कानूनके अनुसार सजा दी जायेगी।

७. जो कुली, अरब और अन्य एशियाई लोग यह समझते हों कि वे किसी समाप्त या असमाप्त पट्टेके आधारपर अधिक समयका दावा कर सकते हैं उन्हें १ जुलाई १८९९ से कमसे-कम ६ सप्ताह पहले, अपनी दलीलोंके साथ, भूमि-प्रबन्धफर्ता या खान-आयुक्तको प्रार्थनापत्र दे देना चाहिए । वह सरकारको सूचना देकर उसपर अपनी सम्मति और कारण लिख देगा।

८. इसी प्रकार जो कुली, अरव और अन्य एशियाई समझते हों कि वे १८८५ के उक्त संशोधित कानून ३ से प्रभावित नहीं होते, (क्योंकि वे १८९९ से पहले ही लम्बा पट्टा प्राप्त कर चुके हैं और उसफा समय अभी समाप्त नहीं हुआ अथवा उन्होंने उसे बदलवा लिया है) उनको १ जुलाई १८९९ से कमसे-कम ६ सप्ताह पहले, भूमि-प्रबन्धफर्ता या खान-आयुक्तको अपनी दलीलों सहित सूचना दे देनी चाहिए और वह, सरकारको इसकी सूचना देकर, अपनी सम्मति और कारण लिख देगा ।

९. यह भूमि-प्रबन्धकर्ताओं और खान-आयुक्तोंकी समझपर छोड़ दिया गया है कि यदि वे देखें कि कुली और अरव आदि, निर्दिष्ट गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंमें निवासस्थान बनाकर कानूनका पालन करनेको तैयार हैं, परन्तु नियत समयमें उन्हें पूरा नहीं कर सकते, तो उक्त १ जुलाई १८९९ की तारीखके सम्बन्धमें वे कुछ रिआयत कर दें।

१०. जो कुली और अरब आदि व्यापार करते हैं वे यदि प्रार्थना करें तो सरकार उनसे मिलने और उन्हें नियत गलियों, मुहल्लों और बस्तियोंमें बाजार या दूकानोंवाली छतदार इमारत बनानेके लिए जमीन देनेकी वातपर अनुकूल विचार करनेके लिए तैयार हैं।

सरफारफा दफ्तर, प्रिटोरिया
 
(ह०) एफ० डब्ल्यू० राइट्ज़
 

अप्रैल २५, १८९९

राज्य-सचिव

एक छपी हुई मूल अंग्रेजी प्रतिको फोटो-नकल (एस० एन० ३१९८, ३१९९ तथा ३२००) से।


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