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७०. तार: कर्नल गालवेको
[डर्बन
 
जनवरी ७, १९०० से पूर्व ]
 

सेवामें

कर्नल गालवे

पी० एम० ओ० का प्रधान कार्यालय

नेटाल

५०० स्वतंत्र भारतीय युद्धकी समाप्ति पर्यन्त पूर्ववत् आहतोंकी सहायताका कार्य और सेनापतिकी आज्ञाका पालन करने के लिए तैयार है। उन्होंने अपने नाम मेरे कार्यालयमें लिखा दिये हैं और वे सूचना मिलते ही चलनेको तैयार हैं। पहलेके अधिकतर नायक भी तैयार है। डॉ० बूथ ने छुट्टी ले ली है और वे पूर्ववत् चिकित्साधिकारीका कार्य हमारे प्रार्थना करनेपर वे सुपरिटेंडेंटके पदपर अथवा आप अन्य जिस किसी पदपर उसपर कार्य करना मान गये इस प्रकार अब हमारा डर्बनका दल अपने-आपमें हो चुका है और यदि काम करनेकी कोई गुंजाइश हो तो वह काम आरम्भ करनेके लिए उत्सुक है।

गांधी
 

गांधीजीके हस्ताक्षरों में दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ३३७२-सी, नं० २)से।






१. दिसम्बर २९, १८९९ को गांधीजीको एक पत्र मिला था (एस० एन० ३३६०)। उसमें पूछा गया था कि डोली (स्ट्रेचर ) लाने-ले जानेके कामके लिए वे कितने भारतीय दे सकते हैं । इसका उत्तर गांधीजीने उपर्युक्त तार द्वारा जनवरी, १९०० के पहले सप्ताहमें किसी दिन भेजा था। इस बीच उन्होंने एक उत्तर तार द्वारा (जो उपलब्ध नहीं है) इससे पहलेके सप्ताहमें भी भेजा था, जैसा कि उपर्युक्त (दूसरे) तारके पहले मसविदे (एस. एन. ३३७२-सी) में बताया गया है । जनवरी ७, १९०० को एस्टफोर्टमें दलका पुनर्गठन किया गया था।


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