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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

समितिके आर्थिक साधनोंको खूब निचोड़ रहा है। यहाँपर सैनिकोंके लिए सहानुभूतिके कुछ व्यक्तिगत उदाहरणोंका उल्लेख करना अनुचित नहीं होगा। कहा जाता है कि एक भारतीय महिलाने जो प्रतिदिन फल बेचकर अपना निर्वाह करती है, सैनिकोंके डर्बन बन्दरगाहपर उतरनेपर अपनी टोकरीका सारा माल यह कहते हुए एक टॉमीके ठेलेमें उड़ेल दिया कि आज देनेको मेरे पास इतना ही है। हमें यह नहीं बताया गया कि उस उदार हृदयवाली महिलाने उस दिन भोजन कहाँसे प्राप्त किया। इसी प्रकार कहा जाता है कि बहुत-से भारतीयोंने अत्यन्त उत्सा- हित होकर नेटालके योद्धाओंपर सिगरेट तथा अन्य स्वादिष्ठ वस्तुओंकी वर्षा की । जब किम्बले और लेडीस्मिथके मुक्त होने की सूचना तार द्वारा सर्वत्र फैलाई गई, तब भारतीयोंने अपनी दूकानोंको सजानेके लिए देशभक्तिके उत्साहमें यूरोपीयोंसे स्पर्धा की। उन्होंने १४ अगस्तको एक सभा भी की। उसकी अध्यक्षता करनेके लिए उत्तरदायी सरकारके अधीन नेटालके सर्वप्रथम प्रधान- मन्त्री माननीय सर जॉन रॉबिन्सन, के० सी० एम० जी० को आमन्त्रित किया गया और उन्होंने अत्यन्त अनुग्रहके साथ आमन्त्रण स्वीकार कर लिया। इस सभामें उपनिवेशके सभी भागोंसे १,००० से भी अधिक भारतीय और ६० से भी अधिक प्रमुख यूरोपीय शामिल हुए थे।

[अंग्रेजीसे]

टाइम्स ऑफ़ इंडिया (साप्ताहिक संस्करण,) १६-६-१९०० ।

७८. पत्र: उपनिवेश-सचिवको
१४, मक्युरी लेन
 
डर्बन
 
मार्च १७, १९००
 

सेवामें

माननीय उपनिवेश-सचिव

पीटरमैरित्सबर्ग

श्रीमन्,

मैं इसके साथ परमश्रेष्ठ गवर्नरके विचारार्थ, डर्बनके अमद अब्दुल्लाकी बीबी आवाका प्रार्थनापत्र' भेज रहा हूँ। उसने अपने पतिपर, जो इस समय डर्बनकी सेंट्रल जेलमें कैदकी सजा भोग रहा है, रहम करनेकी प्रार्थना की है। मेरा खयाल है कि इस आदमीको रिहा कर देनेका अर्थ इस स्त्रीकी इज्जतको बचा लेना होगा। यह अकेली है, जवान है और कुछ खुशहालीमें पाली-पोसी गई है। इसलिए प्रलोभनोंमें पड़ जानेके खतरेमें है, जो इसे हमेशाके लिए बरबाद कर सकते हैं।

इसने लेडीस्मिथकी मुक्तिके अवसरको दोहाई दी है। उसे इस मामले में दयाके अधिकारका प्रयोग सार्थक करने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है।

आपका आज्ञाकारी सेवक,
 

[अंग्रेजीसे]

मो० क० गांधी
 

पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइव्ज, सी० एस० ओ०, ८६४६/१९०१ । १. यह उपलब्ध नहीं है।

२, अमद अब्दुल्लाकी सजा घटा दी गई थी; देखिए "पत्र: उपनिवेश-सचिवको,"जून ११, १९०० ।

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