आप रणभूमिपर गये, यह आपने समाजकी एक सेवा की है। यह दृढ़ विश्वास रखते हुए कि अपने देशवासियोंकी सेवा करने में अपनी भी सेवा होती ही है, आप हमेशा अच्छे काम करें, अपनी रोटी ईमानदारीसे कमायें और अपने कर्तव्योंका पालन करते रहें-- यही प्रार्थना करता है, आपका शुभाकांक्षी-
गांधीजीके हस्ताक्षरयुक्त मूल अंग्रेजी साइक्लोस्टाइल्ड पत्र (सी० डब्ल्यू० २२३९) से।
सेवामें
माननीय उपनिवेश-सचिव
पीटरमैरित्सबर्ग
श्रीमन्,
मैं इसके साथ प्रतिनिधि-भारतीयोंके एक सन्देशको नकल भेज रहा हूँ, जिसमें उन्होंने महामहिमामयी सम्राज्ञीको, उनके इक्यासीवें जन्म-दिनके उपलक्ष्यमें, अपनी विनम्र तथा राज- भक्तिपूर्ण बधाई अर्पित की है। प्रतिनिधि-भारतीय इसे इसी महीनेकी २४ तारीखको सम्राज्ञीके मुख्य उपनिवेश-मन्त्रीकी सेवामें तारसे भेजना चाहते हैं। उनकी इच्छा है, मैं आपसे निवेदन करूं कि आप इसे आगे रवाना कर दें।
यह भी निवेदन है कि मुझे अधिकार दिया गया है, जो खर्च हो, उसकी सूचना आपके पाससे मिलनेपर आपको चेक भेज दूं।
[संलग्न सन्देश
"नेटालके भारतीय सम्राज्ञीको, उनके इक्यासीवें जन्म-दिनके उपलक्ष्यमें, नम्रता और राजभक्तिपूर्वक बधाई देते हैं। हार्दिक प्रार्थना करते हैं कि सर्प शक्तिमान उनपर सर्वोत्तम सुख-समृद्धिको वर्षा करे।"
[अंग्रेजीसे]
पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइब्ज़, सी० एस० ओ०, ३७६०/१९०० ।
Gandhi Heritage Portal