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दादाभाई नौरोजीको

नकलें भी मैं अलग लिफाफेमें भेज रहा हूँ। ये टिप्पणियाँ सर विलियम वेडरबर्नकी इच्छासे तैयार की गई थीं। इनसे वर्तमान स्थितिकी कुछ कल्पना मिल जायेगी और जो सज्जन प्रस्तावकी जिम्मेदारी लेंगे उनके शायद कुछ काम आयेंगी। बेशक, प्रस्तावमें विषय-समिति जो परिवर्तन या संशोधन करना उचित समझे वह किया जा सकता है।

इस विषयका महत्त्व केप-विधानमंडलके एकाएक और अनपेक्षित रूपसे सजग हो उठने के कारण विशेष बढ़ गया है। आप जानते ही है कि उसके सदस्य बहुत तुल्यबलके दो दलोंमें बँटे हुए हैं। यों तो उनके विचार एक-दूसरेके बिलकुल विरोधी हैं, परन्तु भारतीय प्रश्नपर दोनों दल एकमत दिखलाई पड़ते हैं। केस टाइम्सकी एक कतरन' इसके साथ नत्थी है। उसमें केप विधान- सभामें हुई बहसकी कार्यवाही प्रायः पूर्ण रूपमें दी गई है। उससे आपको कुछ कल्पना हो जायेगी -कि दक्षिण आफ्रिकाके उस हिस्सेमें क्या हो रहा है। स्पष्टत: केपके सभासद नेटालसे भी आगे बढ़ जानेको आतुर है, मानो नेटालने भारतसे आनेवाले नये लोगोंके लिए अपने दरवाजे करीब- करीब बिलकुल ही बन्द न कर दिये हों। वे तो भारतीय मात्रको बरदाश्त करना नहीं चाहते. फिर वे व्यापारी हों, मुंशी हों या मजदूर हों। श्री चेम्बरलेनके रूपमें उन्हें एक ऐसे उपनिवेश- मन्त्री मिल गये हैं, जो स्वशासित उपनिवेशोंकी इच्छाओंको मान देनेके लिए किसी भी हदतक बढ़नेको तैयार हैं। दूसरी ओर, इंडिया आफिस भयंकर रूपसे निष्क्रिय दिखलाई पड़ता है। परन्तु, यह देखते हुए कि इस प्रश्नपर भारतीयों और आंग्ल-भारतीयोंके बीच ऐकमत्य है, उक्त कार्यालयको उचित रूपसे काम करने के लिए जगा देना और कुछ राहत प्राप्त कर लेना सम्भव हो सकता है। एक प्रभावशाली शिष्टमंडल लॉर्ड कर्जनसे मिले तो, संभव है, इष्ट दिशामें बहुत- कुछ हो जाये।

केप उपनिवेशका रुख यह बतलाता मालूम होता है कि भारतने जो सेवाएँ प्रदान की है वे बिलकुल भुला दी जायेंगी और, अगर केप उपनिवेशके लोगोंकी बात चली तो, भारतीयोंके साथ सामाजिक कोढ़ियों जैसा व्यवहार किया जायेगा। भारत द्वारा प्रदान की गई सेवाएँ थीं कि, जो आदमी शत्रुकी सफल बाढ़को रोकने के लिए सबसे पहले आगे गया वह था, अपनी भारतीय टुकड़ीके साथ, सर जॉर्ज व्हाइट; और लेडीस्मिथके घेरेमें तथा प्रारम्भिक पराजयोंमें जो जरू- रत पर काम आये -- और इसे सबने मंजूर किया है वे थे सैकड़ों डोली-वाहक । इनके अलावा, स्वयंसेवकों (लुम्सडेन्स हॉर्स) का, जिनका सारा साज-सामान भारतीयोंके चन्देसे खरीदा गया था, भिश्ती-दलका और अन्य भारतीय सेवकोंका, जो जहाज भर-भर कर भारतसे भेजे गये थे, और उस डोली-वाहक दलका तो, जो स्थानिक रूपसे संगठित किया गया था, कहना ही क्या है।

नेटाल फिलहाल नाराज नहीं मालूम होता। परन्तु उसकी नाराजी फूट पड़ने में और, भय है, भारतीय-विरोधकी असली स्थितिपर उसके लौट आने में बहुत-कुछ जरूरी न होगा। जो सज्जन प्रस्तावपर भाषण दें उनसे कह दिया जाये कि वे कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार करें, भारतीय अकाल-निधिमें नेटालने उदारतापूर्ण योग दिया है और प्रभुसिंहके लिए १०० पौंड चन्दा भी इकट्ठा किया है। प्रभुसिंह एक गिरमिटिया भारतीय है, जिसने लेडीस्मिथमें बिलकुल अनोखी सेवा की थी और जिसकी बहादुरीकी सर जॉर्ज व्हाइटने सार्वजनिक रूपसे प्रशंसा की थी। (यही वह आदमी है, जिसके लिए लेडी कर्जनने एक "चोग़ा" भेजा था। वह पिछले दिनों सार्वजनिक

१. यह उपलब्ध नहीं है। २. स्ट्रेचर - वाहक।

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