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तार: गवर्नरके सचिवको

मुझे पता चला है कि पोर्ट शेप्स्टनके श्री जान मुहम्मदने वहींके श्री बार्नेजसे मई १८९८ में ४५ नम्बरकी मकानकी जमीन खरीदी थी। इसकी विज्ञप्तियाँ तैयार करके उनपर हस्ताक्षर भी कर दिये गये थे। मुझे यह भी बताया गया है कि जब विज्ञप्तियाँ बड़े पैमाइश-अफसरके दफ्तरमें ले जाई गईं, उस अफसरने हस्तान्तरणको दर्ज करनेसे इनकार कर दिया। मालूम होता है कि विज्ञप्तियोंको दफ्तरमें श्री पिचर ले गये थे। उनसे पूछ-ताछ करनेपर मुझे पता चला है कि उक्त अफसरने अपनी इनकारीका कारण यह बताया था कि जिसको जमीन दी जा रही है वह व्यक्ति एक भारतीय है। और आगे पूछनेपर कि क्या बड़े पैमाइश-अफसरने अपने फैसलेका कोई कानूनी आधार बताया था, श्री पिचरने मुझसे कहा कि उसने बताया था, वह सरकारी आदेशोंके अनुसार कार्रवाई कर रहा है।

उपर्युक्त जानकारी आपके पत्र में निहित जानकारीके विरुद्ध दिखलाई पड़ती है।

क्या मैं जान सकता हूँ कि इस खास मामलेके सम्बन्धमें क्या हुआ और क्या सरकार बड़े पैमाइश-अफसरको कृपा कर यह आदेश भेज देगी कि वह हस्तान्तरणको दर्ज कर ले? मुझे बताया गया है कि मेरा मुअक्किल जमीनकी कीमतका कुछ हिस्सा पहले ही श्री बार्नेजको दे चुका है।

आपका आज्ञाकारी सेवक,
 
मो० क०गांधी
 

[अंग्रेजीसे]

पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइब्ज, सी० एस० ओ०, ८६५८/१९००।

१०५. तार : गवर्नरके सचिवको
[डबन]
 
नवम्बर ३०, १९००
 

सेवामें परमश्रेष्ठ गवर्नरके निजी-सचिव

पीटरमैरित्सबर्ग

लॉर्ड रॉबर्ट्सके डर्बन आने पर ब्रिटिश भारतीय उन्हें एक नम्र अभिनन्दनपत्र देना चाहते हैं। क्या मैं परमश्रेष्ठ गवर्नर महोदयसे निवेदन कर सकता हूँ, वे लॉर्ड महोदयसे पता कर कि वे अभिनन्दनपत्र स्वीकार करनेकी कृपा करेंगे या नहीं। करेंगे तो कृपया समय और स्थान नियत कर दें।

गांधी
 

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ३५४२) से ।

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