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१०६. तार: गूल"
[ डर्बन]
 
दिसम्बर ६, १९००
 

सेवामें

गूल

केपटाउन

केपके भारतीयोंकी ओरसे लॉर्ड रॉबर्ट्सको अभिनन्दनपत्र दें। उनके पुत्रकी मृत्युका जिक्र नहीं करना चाहिए। दक्षिण आफ्रिकामें उनके शानदार कामों पर उन्हें बधाई दें। राजनीतिकी कोई चर्चा न हो।

गांधी
 

नकल: अलीको

मारफत डर्बन रोडाल

मोब्र

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ३५५१) से।

१०७. भाषण : भारतीय विद्यालयमें

डर्बनके उच्चतर श्रेणी (हायर ग्रेड) भारतीय विद्यालयके मध्य ग्रीष्मावकाश समारोहका पत्रों में छपा संक्षिप्त विवरण नीचे दिया जाता है।

दिसम्बर २१, १९००

प्रधानाध्यापकके कार्य के बारेमें बोलते हुए श्री गांधीने कहा कि अच्छीसे अच्छी संस्था भी निकम्मी हो सकती है, अगर उसे जीवन देनेवाले कोई व्यक्ति न हों। उच्चतर श्रेणी (हायर ग्रेड) भारतीय स्कूल इस बातका अच्छा उदाहरण है। भारतीय पालकोंको चाहिए कि वे सरकारको धन्यवाद दें, उसने उनके स्कूलके लिए श्री कोनोली जैसे प्रधानाध्यापकको भेजा, जिन्होंने स्कूलको अपना लिया। उनके इस महान् कार्यमें श्रीमती कोनोलीने भी उनकी मदद की है, और श्री कोनोलीके भाईने भी, जो हाल ही में इंग्लैण्डसे आये हैं, कृपापूर्वक अपनी वाणीको सेवा स्कूलको सौंप दी है। श्री कोनोली और उनके साथी जिस लगन और उत्साहके साथ अपना काम कर रहे है उसके लिए सचमुच भारतीय समाज उनका आभारी है। स्कूलका अपना खेलका मैदान नहीं है। इसको लक्ष्य करते हुए श्री गांधीने कहा कि सिंगल और डबल बारकी टूटदार तथा हटाने-सरकाने लायक जोड़ी और डम्बल जोड़ियाँ बहुत कम खर्च में मिल सकती हैं। इनसे कुछ अंशोंमें खेलके मैदानकी कमी पूरी हो जायेगी। श्री पॉलने माता-पिताओंको अपने ही बच्चोंके लिए खोले गये स्कूलका फायदा उठानेकी जो प्रेरणा दी है, उसका श्रेय उन्हें दिये बिना रहा नहीं जा सकता।

[अंग्रेजीसे]

नेटाल ऐडवर्टाइज़र, २२-१२-१९००

१. हामिद गुल, केपटाउनके एक प्रमुख भारतीय । Gandhi Heritage Portal