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तार : उच्चायुक्तको

प्रतियाँ भी भेजी जा सकती है। परन्तु हमारे पास प्रतियाँ सीमित संख्यामें ही हैं। इसलिए कृपाकर ठीक उतनी ही प्रतियाँ मँगवाइये, जितनीकी आपको आवश्यकता हो।

मेरा सुझाव तो यह भी है कि आपको श्री रसेलका भाषण ध्यानसे पढ़कर, उसे अपने विद्यार्थियोंको समझा देना चाहिए, जिससे उन्हें इस चिर-स्मरणीय शासनका अच्छा परिचय हो जाये।

आपका विश्वासपात्र,
 
मो० क०गांधी
 

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ३७८९) से।

१२१. तार : उच्चायुक्तको

[डबन]
 
मार्च २५, १९०१
 

सेवामें

परमश्रेष्ठ उच्चायुक्तके निजी सचिव

जोहानिसबर्ग

कुछ ब्रिटिश भारतीय, जो इस समय प्रिटोरिया और जोहानिसबर्गमें हैं, भारतीय शरणार्थी-समितिको लिखते हैं कि उनको विशेष बस्तियोंमें चले जानेके नोटिस मिले है। उनको पैदल-पटरियोंपर चलनेकी अनुमति नहीं है और प्रायः पिछले गणराज्यके भारतीय-विरोधी कानून कड़ाईके साथ अमलमें लाये जा रहे हैं। मुझसे अनुरोध किया गया है, मैं आदरपूर्वक परमश्रेष्ठ उच्चा- युक्तका ध्यान इस ओर आकर्षित करूं कि सम्राटकी सरकारने स्वीकार किया है कि ऐसे कानून आपत्तिजनक है और वक्तव्य दिया है कि वह इनको रद करानेका प्रयत्न प्रतीत होता है, पुराने शासनमें अबकी भाँति कभी भी लागू नहीं किये गये थे। जबतक इनके सम्बन्धमें अन्तिम निर्णय न हो तबतकके लिए समिति राहतकी प्रार्थना करती है।

गांधी
 

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ३७९२) से।


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