पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/२३५

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सेवामें उपनिवेश सचिव पीटरमैरित्सबर्ग श्रीमन्, १२६. पत्र: उपनिवेश सचिवको जनरल बुलरके खरीतेमें स्थानिक रूपसे संगठित भारतीय स्वयंसेवक दलके अधिकारियोंके विशेष उल्लेखके सम्बन्धमें मैं अपने गत ३० तारीखके पत्रके उत्तरमें आपके १६ अप्रैलके पत्रकी प्राप्ति स्वीकार करता हूँ और उसके लिए आपको धन्यवाद देता हूँ । [ अंग्रेजीसे ] पीटरमैरित्सबर्ग आर्काइन्ज़, सी० एस० ओ० १९०१/२८८८ । १४, मर्क्युरी लेन डर्बन अप्रैल १८, १९०१ १२७. एक परिपत्र' आपका आज्ञाकारी सेवक, मो० क० गांधी डवेंन अप्रैल २०, १९०१ श्रीमन्, ट्रान्सवाल और ऑरेंज रिवर कालोनीमें ब्रिटिश भारतीयोंकी स्थिति इतनी गंभीर है कि उसका बयान करना आवश्यक हो गया है, ताकि आप उसके विषयमें कुछ कार्रवाई कर सकें । आपको याद होगा, श्री चेम्बरलेनने हाल ही में घोषणा की थी कि भूतपूर्व दक्षिण आफ्रिकी गणराज्य और ऑरेंज फ्री स्टेटके कानूनोंको, साम्राज्य सरकार "यथासम्भव" मंजूर कर लेगी। इसपर हमारे मनमें एकदम प्रश्न उठा कि "यथासम्भव" क्रियाविशेषणमें क्या पुरानी सरकारोंके भारतीय-विरोधी कानून भी सम्मिलित हैं। यदि वर्तमान शासन ही भविष्यकी भी कसौटी हो तो उक्त प्रश्नका उत्तर मिल चुका है, और उससे दक्षिण आफ्रिकाका प्रत्येक भारतीय अत्यन्त भयभीत है। ट्रान्सवालमें सभी भारतीय-विरोधी कानूनोंको अज्ञातपूर्व कठोरतासे लागू किया जा रहा है। पुरानी सरकारकी ढील पूर्णतः हमारे अनुकूल थी । यद्यपि बस्तियोंका कानून तब भी मौजूद था, और गाड़ियोंके नियम तथा पटरियों आदिके अनेक उपनियम भी कानूनकी किताबमें १. यह इंग्लैंडमें भारतके चुने हुए मित्रोंको लिखा गया था। इसकी एक नकल उपनिवेश-मन्त्रीको भी भेजी गई थी। यह परिपत्र "भारतीय संवाददाताके " नामसे कुछ परिवर्तनोंके साथ २४-५-१९०१ के इंडिया में छपा था। Gandhi Heritage Portal