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पत्र: विलियम स्पॉस्टन केनको

कृपया खराब टाइप करनेके लिए क्षमा करें। वहाँ मेरे पास जो टाइप-राइटर था उससे यह बिलकुल भिन्न है । मेरी चीजें अभी कलकत्तेसे नहीं आईं हैं।[१]

आपका सच्चा,
मो० क० गांधी

मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (सी० डब्ल्यू० ३७२२) से ।


१७५. पत्र : पुलिस कमिश्नरको

राजकोट, काठियावाड़
मार्च १२, १९०२

सेवामें

पुलिस कमिश्नर
बम्बई

महोदय,

क्या आप मेहरबानी करके मुझे यह बतायेंगे कि जो लोग दक्षिण आफ्रिका जाना चाहते हैं उन्हें किन शर्तोंपर अनुमति पत्र दिये जाते हैं ?

आपका आज्ञाकारी सेवक,
मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]

साबरमती संग्रहालय (एस० एन० ३९४१) से।


१७६. पत्र : विलियम स्प्रॉस्टन केनको[२]

राजकोट
मार्च २६, १९०२

सेवामें,

श्री वि० स्प्रॉ० केन

प्रिय महोदय,

आपका इस मासकी १४ तारीखका पत्र मुझे अभी मिला है। इंडिया-सम्पादकके अनुरोधपर मैंने दक्षिण आफ्रिकाके ब्रिटिश भारतीयोंकी अबतककी स्थितिपर एक संक्षिप्त विवरण तैयार किया है। उसकी एक नकल इसके साथ भेजता हूँ[३]-- यद्यपि मेरा अनुमान है

  1. यह अनुच्छेद गांधीजीने हाथसे लिखा है ।
  2. ब्रिटिश संसद के एक सदस्य, देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९१ ।
  3. देखिए अगले शीर्षककी सामग्री, जो २७ मार्चको टाइप होकर तैयार थी । उसके बाद ही वि० स्त्रों० केनके नाम यह पत्र डाकमें डाला गया होगा ।