१८३. पत्र : गो० कृ० गोखलेको
राजकोट
अप्रैल ८, १९०२
आपके महान् बजट-भाषणपर मैं आपको सादर बधाई देता हूँ। उसकी एक प्रति मुझे मिली है। मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि मेरी प्रशंसा जानकारीपर आधारित नहीं है, फिर भी वह सच्ची तो है ही । यदि सम्भव हो तो मैं चाहूँगा कि नेटालके मित्रोंमें बाँटनेके लिए मुझे आपके भाषणकी कुछ प्रतियाँ मिल जायें।
रानडे स्मारकके चन्देके बारेमें अपने पिछले पत्रके उत्तरमें मैं आपके पत्रकी, जिसका आपने वचन दिया था, प्रतीक्षा कर रहा हूँ।
आपका सच्चा,
मो० क० गांधी
मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (जी० एन० ३७१९) से
१८४. पत्र : गो० का० पारेखको
[ राजकोट ]
अप्रैल १६, १९०२
महाबलेश्वर लॉज
महाबलेश्वर
आपका इसी ९ तारीखका पत्र मिला। उसके लिए आपको धन्यवाद देता हूँ। जब मेरे बम्बईमें होनेकी सम्भावना होगी, मैं आपको पहले ही उचित सूचना दे दूंगा ।
दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ३९५६ ) से ।