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पत्र: मंचरजी मेरवानजी भावनगरीको

असोसिएशन इस मामलेमें कार्रवाई कर रहा है। क्या मैं उक्त असोसिएशनसे भी किसी ऐसी ही कार्रवाईकी प्रार्थना कर सकता हूँ ? संयुक्त कार्रवाई निश्चय ही सफल होगी ।

आपका सच्चा,

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ३९६६ ) से ।

१९४. पत्र : मंचरजी मेरवानजी भावनगरीको

राजकोट
मई १८, १९०२

प्रिय सर मंचरजी,

आशा है, आपको मेरा ३० मार्चका पिछला पत्र मिला होगा । उसके बाद नेटाल-सरकारने उपनिवेशके ब्रिटिश भारतीय प्रवासियोंपर अधिक निर्योग्यताएँ लादनेका एक और प्रयत्न किया है । साथके कागजात[१]से स्थिति पूर्णतः स्पष्ट हो जायेगी । मेरे विचारसे यदि प्रवासियोंके पक्षमें सब उपलब्ध शक्तियाँ क्रियाशील हो जायें तो नेटाल सरकारका यह प्रयत्न निश्चय ही व्यर्थ होगा। यदि यह विधेयक नामंजूर नहीं किया जाता तो नेटालमें भारतीयोंका प्रवास बन्द करनेकी माँग पूर्णतः न्याय संगत होगी, क्योंकि अब तो यह सारा मामला गिरमिटिया लोगोंसे ही सम्बन्धित है । आप जानते ही हैं, पूर्व भारत संघ (ईस्ट इंडिया असोसिएशन)ने तो दक्षिण आफ्रिकामें भारतीयोंपर लगी आम निर्योग्यताओंके सम्बन्ध में भी गिरमिटिया लोगोंका प्रवास रोकने की माँग की है। वर्तमान मामलेमें तो यह और अधिक आवश्यक होना चाहिए। मेरा विश्वास है, प्रेसिडेंसी असोसिएशनने इस मामलेमें कार्रवाई आरम्भ कर दी है। मैं इन गरीब लोगोंके लिए आपकी जबरदस्त मददकी प्रार्थना करता हूँ ।

आपका सच्चा,

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ३९७१) से ।

  1. देखिए पिछले शीर्षककी पादटिप्पणी ।