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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

है । यदि वह भारतीयोंको जैसे वे हैं वैसे ही लेना नहीं चाहता, तो अधिक सीधा रास्ता यह होगा कि वह उनके श्रमके बिना ही काम चलाये । ऐसा रुख एकदम समझमें आने योग्य और सन्तोषजनक होगा । हम अपने देशवासियोंको उसके ऊपर जबरन लादना नहीं चाहते; किन्तु जो लोग उपनिवेशमें बुलाये जाते हैं उनके प्रति न्यायसंगत ब्रिटिशोचित व्यवहारकी आशा करना उचित ही है। यदि भारत सरकारके लिए प्रवासियोंके प्रति न्यायसंगत व्यवहार कराना सम्भव नहीं है, और उपनिवेश खुद भी भारतीय मजदूरोंका राज्य नियन्त्रित प्रवास नहीं रोकता, तो हमारी सरकारका यह स्पष्ट कर्तव्य है कि वह ऐसा करनेमें उसकी मदद करे। सौभाग्यसे हमें लॉर्ड कर्जन जैसे जागरूक और कुशल वाइसराय मिले हैं और हमें आशा है कि परमश्रेष्ठ कोई गम्भीर अन्याय नहीं होने देंगे । और, क्या खुद उपनिवेशके संजीदा लोगोंसे भी हम अपील नहीं कर सकते ? हम देखते हैं कि नेटाल संसदके कमसे-कम एक सदस्य श्री मोरकॉम उस विधेयकसे कोई सरोकार न रखेंगे, जिसका अब्रिटिश रूप उन्होंने जोरदार भाषामें स्पष्ट किया है । हमें निश्चय है कि और भी कितने ही ऐसे व्यक्ति हैं जो श्री मोरकॉमके समान ही सोचते हैं । वे सभी उन्हींके समान क्यों न बोलें और बेचारे ब्रिटिश भारतीयोंके विरुद्ध निर्मित विद्वेषकी इस दीवारको क्यों न ढा दें ? किन्तु इसी बीच हमें श्री चेम्बरलेनसे यह आशा करनेका अधिकार है कि वे न्याय और औचित्यके पक्षमें उपनिवेशोंपर अपना शक्तिशाली प्रभाव अवश्य डालेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]
वॉइस ऑफ इंडिया, ३१-५-१९०२

१९७. पत्र : जेम्स गॉडफ्रेको

[ राजकोट
जून ३, १९०२ के पूर्व ]

[ सेवामें ]

जेम्स गॉडफ्रे
[ डर्बन ]

प्रिय जेम्स,

आपका २५ अप्रैलका पत्र मिला। उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ । मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि आप इतनी अच्छी तरहसे काम कर रहे हैं। अपनी सेवाओंके लिए पुरस्कारका खयाल कभी न करें। इसमें तनिक भी सन्देह नहीं कि यदि उसके लिए हम व्याकुल नहीं होते[१] तो वह आता ही है । भले ही वह वैसे न आये जैसे हम सोचते हैं, किन्तु इससे कुछ अन्तर नहीं पड़ता । सच कहें तो हम जिसे अपना कर्तव्य समझते हैं उसे भरसक पूरा कर रहे हैं, इसकी चेतना ही सबसे बड़ा पुरस्कार है । मेरी कामना है कि आपको अध्ययनमें हर तरहकी कामयाबी हासिल हो । किसी भी हालतमें आप शीघ्रलिपि (शार्टहैंड)की उपेक्षा न करें । मैंने उपनिवेशमें जन्मे अपने कुछ मित्रोंको एक पत्र[२] लिखा है। चूँकि मुझे नकलें करनेकी वैसी

  1. तिरछे अक्षरोंमें दिये गये ये शब्द मूल दफ्तरी प्रतिमें रेखांकित हैं
  2. यह उपलब्ध नहीं है ।