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अर्जी: जुर्मानेकी वापसिके लिए

प्रधानमंत्रीके शब्दोंसे मार्गदर्शन ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा था : यह याद रखना चाहिए कि नगर-परिषदको दानवकी शक्ति प्रदान की गई है। परन्तु उसे सावधानी रखनी चाहिए कि उस शक्तिका प्रयोग दानवी तरीकेसे न हो। अर्जदार छः वर्ष तक मूई नदीके इलाकेमें दुकानदारी कर चुका है। वह पूर्णत: प्रतिष्ठित व्यक्ति है और उसके खरेपन तथा व्यापार-सामर्थ्यका प्रमाण नेटालकी चार यूरोपीय पेढ़ियोंने दिया है। मुझे आशा है कि परिषद उसे परवाना दे देगी।

श्री टेलरने प्रस्ताव किया कि परवाना-अधिकारीका फैसला बहाल रखा जाये ।

श्री क्लार्कने प्रस्तावका समर्थन किया, और वह प्रस्ताव बिना विरोधके पास हो गया।

[अंग्रेजीसे ]

नेटाल मयुरी, ३-३-१८९८

३. अर्जी : जुर्मानेकी वापसीके लिए'
५३-ए, फील्ड स्ट्रीट
 
डर्बन
 
मार्च ९, १८९८
 

श्री टाउन क्लार्क

डर्बन

महोदय,

जूसा जना तथा अन्योंको सरकारसे पटरियोंपर दूकान लगानेका परवाना प्राप्त है। वे बन्दरगाहपर खुले स्थानपर रोटी आदि बेचते आ रहे हैं। उनपर भोजनालय चलानेका अभि- योग लगाकर एक-एक पौंड जुर्माना किया गया था। परन्तु इन मामलों में न्यायाधीशका निर्णय डायर बनाम मूसा मुकदमेके अनुसार गलत ठहरेगा। डायर बनाम मूसा मुकदमेकी अपीलका फैसला उपर्युक्त मुकदमोंके फैसलेके बाद हुआ था। इन परिस्थितियोंमें क्या नगर-परिषद इन व्यक्तियोंको, इन्होंने जो जुर्माना भरा है, वापस करनेकी कृपा करेगी ?

आपका विश्वासपात्र,
 
मो० क० गांधी
 

[पुनश्च ]

चूंकि सर्वोच्च न्यायालयने फैसलेको रद कर दिया है, इसलिए, क्या मैं मूसापर किया गया और उसका भरा हुआ ५ शि० जुर्माना भी वापस मांग सकता हूँ?

मो० क. गांधी
 

[अंग्रेजीसे ]

डर्बन टाउन कौन्सिल रेकर्ड्स : पत्र नं० २३५९६, जिल्द १३४ ।

१. यह पत्र गांधीजीके हस्ताक्षरों में है।

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