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सम्पूर्ण गांधी वाङमय


ईस्ट लंदन के लोगोंकी प्रार्थनापर उनके मामलेके सम्बन्धमें मैं आज सर विलियमको २० पौं०का ड्राफ्ट भेज रहा हूँ। वहाँकी हालत ठीक वैसी ही है । यों, मैंने सुना है कि लोगोंके कहने-सुननेपर पैदल-पटरियों-सम्बन्धी नियमका पालन पुलिस सख्तीसे नहीं करवा रही है।

आपका आज्ञाकारी,
मो० क० गांधी

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० २२५६) से।

२२३. ट्रान्सवालमें भारतीयोंकी स्थिति

जोहानिसबर्ग
मार्च ३०, १९०३

ट्रान्सवालमें ब्रिटिश भारतीयोंकी स्थितिके बाबत

रस्टेनबर्गमें सुलेमान इस्माइलको परवाना मिल गया है।

वाकस्ट्रूमके हुसैन अमदके परवानेके बारेमें परमश्रेष्ठ लेफ्टिनेंट गवर्नर हस्तक्षेप करना मंजूर नहीं करते, क्योंकि वहाँ पृथक् बस्ती मौजूद है। अगर यह सिद्धान्त मान लिया जाये तो करीब-करीब हर भारतीय दूकानदार दिवालिया हो जायेगा। इसके सिवा, वाकस्ट्रममें जो बस्ती है वह भारतीयोंके लिए नहीं है। पिछली सरकारने एक जगह तय बेशक की थी, किन्तु अभीतक वहाँ कोई बसा नहीं है। फिर वह जगह है भी शहरसे वो मील दूर । ये तथ्य पुनर्वचारकी प्रार्थनाके साथ सामने रख दिये गये हैं ।

पीटर्सबर्ग में (कृपया श्री चेम्बरलेनको दिये गये वक्तव्य[१]की सामग्रीके सन्दर्भमें पढ़ें) कुछ भारतीयोंको, जो वहाँ लड़ाईके पहले व्यापार नहीं करते थे, गत वर्ष नगरमें व्यापार करनेके परवाने दिये गये थे । उन्होंने परदेशसे बहुत माल मँगा लिया है। पिछले दिसम्बरमें उन्हें मजिस्ट्रेटने सूचना दी कि उन्हें ३१ मार्चके बाद बस्तीके सिवा कहीं और व्यापार करनेका परवाना नहीं दिया जायेगा। श्री चेम्बरलेनका ध्यान इसपर आकर्षित किया गया, किन्तु एशियाइयोंके पर्यवेक्षकने उनसे कहा कि उसने मजिस्ट्रेटसे बात कर ली है, उस सूचनापर अमल नहीं किया जायेगा ।

इस आश्वासनके बाद भी मजिस्ट्रेटने फिर परवाना पानेकी अर्जी देनेवाले हर भारतीयको उपर्युक्त सूचना देने का आग्रह रखा, इसलिए यह बात पर्यवेक्षकके ध्यानमें लाई गई । उसने वही बात दुहराई जो श्री चेम्बरलेनके सामने कही थी; किन्तु उसने कहा, चूंकि सहायक उपनिवेश सचिव अर्जदारोंके खिलाफ हैं, वह लाचार है ।

तब प्रिटोरियाके एक सुप्रसिद्ध सॉलिसिटर श्री ल्युनान और श्री गांधीने यह बात उपनिवेश सचिवके सामने रखी। उपनिवेश सचिवने कहा कि भले ही मजिस्ट्रेट तिमाही परवाने देनेके पहले उक्त सूचना देना जरूरी समझते हों फिर भी वे प्रबंध कर देंगे कि जिनके पास परवाना था उन्हें फिरसे परवाना मिल जाये । उस समय वह बात वहीं खत्म हो गई।

  1. देखिए पृष्ठ २९२ ।