२२७. भारतीयोंके साथ व्यवहार
ब्रिटिश इंडियन असोसिएशन
बॉक्स ६५२२
जोहानिसबर्ग
अप्रैल २७, १९०३
संपादक
रैंड डेली मेल
जोहानिसबर्ग
मैं इसके साथ सरकारको भेजे गये एक पत्रकी[१] नकल प्रकाशनार्थं प्रेषित कर रहा हूँ । यह पत्र हाइडेलबर्गमें वहाँके ब्रिटिश भारतीय निवासियोंके साथ पुलिस द्वारा किये गये व्यवहारसे सम्बन्ध रखता है । इस पत्रपर टिप्पणी करना व्यर्थ है । उपनिवेशमें ब्रिटिश भारतीयोंकी सामाजिक स्थितिके बारेमें आपके पत्रकी नीति चाहे जो हो, मुझे विश्वास है कि पत्रमें उल्लिखित शारीरिक दुर्व्यवहारपर आपको मेरे देशवासियोंके साथ सहानुभूति हुए बिना न रहेगी। ब्रिटिश विधानमें यदि किसी एक वस्तुका लगनके साथ पोषण किया गया है तो वह है सम्राट्के प्रजाजनोंमें, चाहे वे गोरे हों चाहे काले, छोटेसे-छोटे की भी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के प्रति आदर । जहाँतक ब्रिटिश भारतीयोंका सम्बन्ध है, उपनिवेशमें यह प्रत्यक्षतः जोखिममें है ।
आपका आज्ञाकारी सेवक,
अब्दुल गनी
अध्यक्ष
ब्रिटिश इंडियन असोसिएशन
रैंड डेली मेल, २८-४-१९०३
- ↑ देखिए पिछला शीर्षक ।