पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/३७

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५. पत्र : जॉर्ज विन्सेंट गॉडफ्रेको [डर्बन मार्च १८, १८९८से पूर्व] प्रिय श्री गॉडफ्रे, आप इस उपनिवेशकी नागरिक सेवा (सिविल सर्विस) परीक्षा पास करनेवाले पहले भारतीय हैं। इस कारण अनेक भारतीयोंने, जिनमें आपके मित्र और शुभचिन्तक भी शामिल हैं, आपको अभिनन्दनपत्र अर्पित करनेका निश्चय किया है। मुझे भरोसा है कि आप आगामी शुक्रवार, तारीख १८ को सायंकाल ७.४५ बजे कांग्रेसके सभाभवन, ग्रे स्ट्रीटमें अभिनन्दन- पत्र ग्रहण करने का यह निमन्त्रण स्वीकार करेंगे। मैं बहुत हर्षपूर्वक इसके साथ आपके देखने के लिए अभिनन्दनपत्रकी प्रूफ़-नकल भेज रहा हूँ। आपका सच्चा, मो० क० गांधी गांधीजीके हस्ताक्षरों में लिखी अंग्रेजी दफ्तरी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० २७३०) से। ६. एक हिसाब मार्च २५, १८९८ - २ २ ४ नेटाल भारतीय कांग्रेसके नामे मो० क० गांधीका पावना ३१ दिसम्बर तक २५-४-९७ प्रार्थनापत्रोंके रजिस्ट्रेशनकी टिकेटोंके लिए चेक ३०-१२-९७ पिचरका बिल चुकता किया बाबत करारनामा (बांड) की मंसूखी २०-१०-९७ प्रार्थनापत्रोंके लिए टिकेट १६-१०-९७ टिकेट-नाज़र'को पत्र ६-१२-९७ दो चिमनियाँ ९-१२-९७ बैंक ऑफ़ आफ्रिकाको चेक बाबत फरीदकी जायदाद ०० १४ ० o . ou ३०० o शेष पावना : पौंड ३०३ अंग्रेजी दफ्तरी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० २७२३) से। १. मनसुखलाल हीरालाल नाजर (१८६२-१९०६), जिन्होंने दक्षिण आफ्रिकामें गांधीजीको उनके कार्यों में सहायता दी थी। देखिए खण्ड १, पृष्ठ ३९३ । Gandhi Heritage Portal