पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/३७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३३४
सम्पूर्ण गांधी वाङमय

रहती है कि वे बहिष्कृत जातिके लोग हैं और ईस्ट लंदनके ब्रिटिश नगरमें इस बातका कोई महत्त्व नहीं है कि वे अंग्रेजोंकी राजभक्त प्रजा हैं ।

[ अंग्रेजीसे ]

इंडिया ऑफ़िस : ज्यूडिशियल ऐंड पब्लिक रेकर्ड्स, ४०२ ।


२३६. पत्र : दादाभाई नौरोजीको

२५ व २६ फोर्ट चेम्बर्स
रिसिक स्ट्रीट
जोहानिसबर्ग
मई २४, १९०३

माननीय दादाभाई नौरोजी

लंदन

श्रीमन्,

मैं ट्रान्सवाल और ईस्ट लन्दनके सम्बन्धमें अबतककी स्थितिका एक बयान[१] इसके साथ भेजता हूँ। हमने पत्रोंमें पढ़ा है कि श्री चेम्बरलेन भारतीयोंको प्रभावित करनेवाले वर्तमान कानूनमें परिवर्तनके सम्बन्धमें लॉर्ड मिलनरके खरीतेकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। मुझे भरोसा है कि उसके मसविदेकी प्रति आपको भी दी जायेगी। यदि दी जाये तो मैं यह भरोसा भी करता हूँ कि आप किसी मसविदेको मुझे दिखाये बिना स्वीकार न करेंगे।

यह भी आवश्यक है कि ऑरेंज रिवर उपनिवेशके उस कानूनके सम्बन्धमें भी कुछ किया जाये जिससे वहाँ भारतीयोंका प्रवेश पूर्णतः वर्जित है ।

आपका सच्चा,
मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]

इंडिया ऑफ़िस : ज्यूडिशियल ऐंड पब्लिक रेकर्ड्स, ४०२ ।

  1. देखिए पिछला शीर्षक ।