हम एक ऐसा साध्य सिद्ध कर लेंगे, जो हमारे नगरकी सफाईकी अवस्था ज्यादा हदतक सुधारनेका साधन होगा, बनिस्बत किन्हीं भी दूसरे उपायोंके ।
इंडियन ओपिनियन, ४-६-१९०३
२४६. तार: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसको[१]
जोहानिसबर्ग
जून ६, १९०३
८४, पैलेस चेम्बर्स
ब्रिज स्ट्रीट
लॉर्ड मिलनरने श्वेत-संघ (ह्वाइट लीग)को उत्तर देते हुए बताया है कि उन्होंने भारत-सरकारसे गिरमिटिया भारतीय भेजनेको कहा है, जो गिरमिट पूरा होने पर लौट जायें । आशा है अनिवार्य वापसीका प्रस्ताव मंजूर न होगा ।
गांधी
इंडिया ऑफ़िस: ज्यूडिशियल ऐंड पब्लिक रेकर्ड्स, ४०२ ।
२४७. ट्रान्सवालकी स्थिति
जोहानिसबर्ग
जून ६, १९०३
६ जून, १९०३ तक ट्रान्सवालकी स्थिति
इस सप्ताह लॉर्ड मिलनरने श्वेत-संघ (ह्वाइट लीग)के एक शिष्ट-मण्डलसे भेंट की । पूरी रिपोर्टकी नकल संलग्न है। परमश्रेष्ठका रुख भारतीयोंके प्रति सहानुभूतिपूर्ण था और यदि उन्होंने भारतीय शिष्ट-मण्डलके प्रति कड़ा रुख दिखाया तो श्वेत-संघके प्रति भी उनका रुख उतना ही कड़ा था।
अब परमश्रेष्ठके सामने रखनेके लिए एक प्रार्थनापत्र तैयार किया जा रहा है, जो भारतीय शिष्ट-मण्डलको दिये गये उनके उत्तरके बारेमें है। इसी डाक द्वारा उसकी एक अग्रिम प्रूफ- प्रति भेजी जा रही है। यह प्रार्थनापत्र सारी स्थिति स्पष्ट कर देगा और इससे भारतीय समाजकी आवश्यकताओंका पता भी लग जायेगा ।
- ↑ यह तार, जो प्रत्यक्षतः ब्रिटिश समितिके लिए था, इंडियाको भी भेजा गया था। इसकी एक नकल दादाभाई नौरोजीने भारत-मन्त्रीको भेजी थी।