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संपूर्ण गांधी वाङ्मय

लिया है । इस कानूनके खण्ड ११८ में इस संशाकी व्याख्या इस प्रकार की गई है और इसमें ये लोग शामिल बताये गये हैं : “भारतसे नेटाल लाये गये सब भारतीय, जो इस प्रकारके प्रवासफो नियन्त्रित करनेवाले कानूनों के अनुसार लाये गये हों; और ऐसे भारतीयों के वे वंशज, जो नेटालमें रहते हों ।” जिन लोगोंको साधारणतः एशियाई, अरब, या अरब व्यापारी कहा जाता है और जिन्हें इसी हैसियतसे लाया गया है, उन्हें साफ तौरपर इस व्याख्याके बाहर रखा गया है।

अब, श्रीमती विन्दन इस पनिवेशमें अपने खर्चसे आई हैं। वे हैविड विन्दनकी पत्नी हैं। डैविड विन्दन भारतीय गिरमिटिया मजदूरके तौरपर उपनिवेशमें नहीं लाये गये। फिर, इन दोनोंमें से किसीको भी १८६९ के कानून १५ के अनुसार रंगदार व्यक्ति' फैसे माना जा सकता है ? मैं अधिकसे अधिक जोर देकर कहता हूँ कि ये उस कानूनके अर्थमें रंगदार व्यक्ति नहीं है ।

कोई भी ‘स्वतन्त्र' भारतीय, अर्थात् कोई भी ऐसा गिरमिटिया भारतीय, जिसने प्रवासी कानूनों के अनुसार लाये जानेके बाद अपनी सेवाकी अवधि समाप्त कर ली हो, कानूनके अनुसार, अपने वंशजों सहित 'रंगदार व्यक्ति' है, क्योंकि वह १८९१ के कानून २५ के खण्ड ११८ की व्याल्याके अन्दर आ जाता है । परन्तु यह स्थिति डेविड विन्दन या उनकी पत्नीकी नहीं है ।

[अंग्रेजीसे ]

विन्दन बनाम लेडीस्मिथ लोकल बोर्ड, १८९६ : नेटाल लॉ रिपोर्टस ।

८. टिप्पणियां : परीक्षात्मक मुकदमेपर
डर्बन
 
अप्रैल ४,१८९८
 

तैयब हाजी खान मुहम्मद बनाम डा० लीड्सके मुकदमेके लिए जरूरी प्रमाणों पर टिप्पणियाँ।

प्रमाण जरूरी है यह सिद्ध करनेके लिए कि

(क) वादी ग्रेट ब्रिटेनकी रानीकी प्रजा है।

(ख) वह १८८३ से चर्च स्ट्रीट, प्रिटोरिया में जमा है और वहाँ व्यापार कर रहा है।

(ग) इस दौरानमें उसने देशके कानूनोंका पालन किया है। (घ) वह अरब नहीं है।

(ङ) वह तुर्की साम्राज्यका मुसलमान प्रजाजन नहीं है।

(च) वह मलायी नहीं है।

(छ) वह 'कुली' शब्दके किसी अर्थमें कुली नहीं है।

बाबत (क):

वादी काठियावाड़ के एक बन्दर स्थान पोरबन्दरका निवासी है। काठियावाड़ भारतका एक दक्षिण-पश्चिमी प्रान्त है। पोरबन्दर ब्रिटिश प्रशासनमें है। श्री एच० ओ० क्विन, राज्यके कार- बारी (स्टेट ऐडमिनिस्ट्रेटर) हैं, और राज्यका प्रबन्ध करते हैं। दुनियाके किसी भी नक्शेको देखनेसे मालूम हो जायेगा कि काठियावाड़ प्रान्त ब्रिटिश भारतमें शामिल है और उसे लाल रंगमें दिया गया है। भारतके पृथक् नशेमें काठियावाड़ और दूसरे हिस्से पीले रंगमें दिखलाई देंगे। ये भारतके दो हिस्से हैं -- अर्थात् एक खालसा या ठेठ ब्रिटिश भारत, जो सीधे ब्रिटिश

१. गुजरातके पुराने सम्मिलित देशी राज्य, बादमें सौराष्ट्र जो अब बम्बई राज्यमें शामिल कर दिया गया है ।

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