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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

पहले जावाके निवासी थे या शायद अब भी हैं, और उन्हें दक्षिण आफ्रिकामें पहले-पहले डच लोग लाये थे।

बाबत (छ):

'कुली' शब्दका प्रयोग सरकारी तौरसे पहले-पहले नेटालके विधानमण्डलने तब किया था जब कि इस उपनिवेशमें यूरोपीय जायदादोंके लिए असली 'कुली' अर्थात् खेतोंमें काम करनेवाले मजदुर लाये गये थे। उस समय इस उपनिवेश अथवा दक्षिण आफिकामें अन्य कोई भारतीय नहीं थे, और १८७० से पहले एक भी भारतीय व्यापारी दक्षिण आफिकामें नहीं आया था। तबतक खेतोंमें काम करनेवाले भारतीय मजदूरोंकी आबादी यहाँ खासी बढ़ चुकी थी, और तब गोरे लोग उन्हें 'कुली' कहा करते थे। वैसा करते हुए उनका मतलब उनका जी दुखानेका नहीं होता था। जब भारतीय व्यापारी यहाँ आये तब गोरे लोग उन्हें भी 'कुली' कहने लगे, क्योंकि वे इन मजदूरोंके अतिरिक्त अन्य भारतीयोंको जानते ही नहीं थे। वे यह भूल गये कि इस शब्दका विशेष अर्थ क्या है और इसका प्रयोग मजदूरोंके एक विशेष वर्गके लिए किया जाता है, किसी राष्ट्रके लिए नहीं। धीरे-धीरे व्यापारिक ईर्ष्याके अंकुर फूटे और यह शब्द भारतीय व्यापारियोंके प्रति तिरस्कार व्यक्त करनेका जरिया बन गया। इस रूपमें इसका प्रयोग जान-बूझकर और निर्बाध रूपसे किया जाने लगा। कुछ यूरोपीय लोग व्यापारियोंका थोड़ा-बहुत आदर करते थे। वे व्यापारियों-व्यापारियोंमें अन्तर प्रकट करनेके लिए भारतीय व्यापारियोंको 'अरब' कहने लगे। इसके बाद भारतीय लोग दक्षिण आफिकामें जहाँ-कहीं भी गये 'कुली' शब्द भी उनके पीछे-पीछे गया। आम तौरसे यह घृणाका ही सूचक रहा। और आजतक यह वैसा ही बना हुआ है। इसका कानूनी अथवा कोशका अर्थ जानने के लिए, वेस्टरके शब्दकोशको प्रामाणिक माना जा सकता है। और इस शब्दका व्यापारमें और बोलचालमें जो अर्थ समझा जाता है उसे बतलाने के लिए बहुत-से व्यापारी शपथपूर्वक यह गवाही देनेको तैयार हो जायेंगे कि वे वादी और उस जैसे भारतीयोंको 'कुली' कहनेके लिए कभी तैयार नहीं होंगे। उनका अपमान करना हो तो बात दूसरी है।

इस प्रसंगमें उस याददाश्तकी तरफ भी ध्यान देना चाहिए जो कि मैंने कुछ समय पूर्व कानूनकी साधारण व्याख्या करने के लिए, और विशेष रूपसे 'कुली' शब्दके प्रयोगके सम्बन्धमें, लिखकर भेजी थी। विन्दन बनाम लेडीस्मिथ कारपोरेशन का मुकदमा भी देखने योग्य है। उसे इसके साथ भेज रहा हूँ। उसमें 'कुली' शब्दके प्रयोगपर जो विचार सर वाल्टर रैगने व्यक्त किया है, वह भी सम्मिलित है।

मो० क० गांधी
 

टाइप की हुई अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस० एन० ३७०४) से । उक्त प्रतिमें गांधीजीके हस्ताक्षर है।


१. देखिए पहले दी हुई “टिप्पणियाँ : परीक्षात्मक मुफदमे पर"।

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