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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५४७

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त ५०५ नवम्बर : डर्बन महिला देशभक्त संघ निधि ( डर्वन वीमेन्स पैट्रिआटिक लीग फंड) में दान देनेकी अपील भारतीयों में प्रचारित की । ३-३-० पौंड चंदा स्वयं दिया और ६० पौंड से ऊपर चंदा इकट्ठा किया। नवम्बर १८ : टाइम्स ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखकर विक्रेता परवाना अधिनियमके कारण नेटालके भारतीय व्यापारियोंको होनेवाली अड़चनोंका सविस्तर परिचय दिया । दिसम्बर २ : उपनिवेश सचिवको तार देकर आहत-सहायक दल (एम्बुलैन्स कोर) के कर्तव्योंकी तफसील माँगी और पूछा कि वह किस तारीखको रवाना हो । दिसम्बर ४ : उपनिवेश सचिवको सूचना दी कि किसी भी क्षण बुलावा पानेपर आहत सहायक दलके स्वयंसेवक मोर्चेपर जानेको तैयार हैं। सेवाका प्रस्ताव स्वीकार करने में सरकारकी ढिलाईपर दुःख प्रकट किया तथा स्वयंसेवकोंके और नाम भेजे । दिसम्बर ११ ( के पूर्व ) : नेटालके बिशपसे पत्र लिखकर प्रार्थना की कि डॉ० बूथको आहत- सहायक दलके लिए मुक्त करें। दिसम्बर १३ : माननीय श्री एस्कम्बके निवासपर सभा में भाषण; समझाया कि भारतीयोंने युद्धके मोर्चेपर घायलोंको लाने-ले जानेकी स्वेच्छा सेवाकी जो तत्परता दिखाई है, उसका उद्देश्य क्या है । दिसम्बर १४ : आहत - सहायक दलके साथ मोर्चे के लिए रवाना । दिसम्बर १५ : आहत सहायक दल खियेवेली पहुँचा और उसे युद्ध क्षेत्रके अस्पताल में जानेका हुक्म मिला। कोलेंजोकी पराजय । दिसम्बर १७ : आहत सहायक दल एस्टकोर्ट के लिए रवाना । दिसम्बर १९ : आहत सहायक दल अस्थायी तौरपर तोड़ दिया गया। १९०० जनवरी ७ ( के पूर्व ) : गांधीजीने अधिकारियोंको और अधिक सहायता कार्यके लिए भारतीयोंकी तत्परताकी सूचना दी। जनवरी ७ : भारतीय आहत सहायक दलका पुनर्गठन और उसकी एस्टकोर्ट में नियुक्ति । जनवरी २१ : स्पिओन कॉपमें आहत सहायक दलका कार्य । स्वयंसेवक अग्नि-वर्षाके बीच घायलोंको उठा-उठाकर पड़ावमें ले गये । जनवरी २८ : तीन सप्ताहके कामके बाद फिर आहत सहायक दल तोड़ दिया गया । मार्च १ : गांधीजीने लेडीस्मिथकी मुक्तिपर जनरल बुलरको बधाईका सन्देश भेजा । मार्च ८ : विलियम विल्सन हंटरकी मृत्युपर कांग्रेसके शोक सन्देशकी प्रति प्रचारित की । मार्च १४ : बोअर युद्धमें विजय पानेपर अंग्रेज सेनापतियोंके अभिनन्दनके उपलक्ष्य में भारतीयों और यूरोपीयोंकी सभा में भाषण दिया । मार्च १४ ( के बाद ) : भारतीय आहत सहायक दलके कार्यका सविस्तर वर्णन करते हुए टाइम्स ऑफ इंडियाको लेख । मार्च २६ ( के पूर्व ) : अंग्रेज सेनापतियोंको बधाई देनेवाले प्रस्ताव और उनके जवाबकी प्रति डर्बनके अखबारोंको भेजी । अप्रैल ११ : डर्बन भारतीय अस्पतालके लिए चंदेकी अपील निकाली । अप्रैल २०, २४ : आहत सहायक दलके स्वयंसेवकों और नायकोंको उपहार भेजते हुए व्यक्ति- गत पत्र । Gandhi Heritage Portal