५०६ सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय मई २१ : महारानी विक्टोरियाको उनके जन्मदिनपर भारतीयोंकी बधाई सूचित की। जुलाई १३ : दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंके हित में उत्तम काम करनेपर लन्दनके पूर्व भारत संघ (ईस्ट इंडिया असोसिएशन) को धन्यवाद देनेवाला प्रस्ताव प्रचारित किया । जुलाई ३० : भारतके दुष्कालमें मददकी अपील - समाचारपत्रोंके जरिए । अगस्त १४ : उपनिवेश मन्त्रीको सूचना दी कि तुर्कीके सुलतानके राज्यकालकी रजत जयन्तीके अवसरपर भारतीयोंने सुलतानके प्रति अपना अभिनन्दनपत्र लंदन स्थित तुर्की राजदूतको भेज दिया है। सितम्बर २४ : जिन रिक्शोंपर "केवल यूरोपीयोंके लिए" लिखा होता था, उनमें भारतीय रिक्शा चालकों द्वारा रंगदार सवारियाँ ले जानेके निषेधका उपनियम बनानेके विरुद्ध डर्बनके टाउन क्लार्कको लिखा । अक्टूबर ८ : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा दक्षिण आफ्रिकी भारतीयोंके लिए किये गये कामोंके विषयमें दादाभाई नौरोजीको लिखा और आगामी कांग्रेस अधिवेशनके लिए तत्सम्बन्धी प्रस्तावका मसविदा भेजा । दिसम्बर ६ : लॉर्ड रॉबर्ट्सको अभिनन्दनपत्र देनेके लिए केप टाउनके भारतीय नेताको तार दिया । दिसम्बर १४: बिना छुट्टी लिए कामसे गैर-हाजिर रहनेके अपराधमें भारतीय गिरमिटिया मजदूर चेल्लागाडुपर दायर मुकदमेकी पैरवी की। दिसम्बर २१ : डर्बनके भारतीय मदरसेके वार्षिकोत्सवकी अध्यक्षता की। दिसम्बर २४ : नेटाल गवर्नरको भारतीय रिक्शा चालकोंसे सम्बन्धित डर्बन नगर-परिषद के उप- नियमके विरुद्ध अर्जी दी । १९० जनवरी २३ : महारानीकी मृत्युपर नेटाल-निवासी भारतीयोंकी ओरसे उपनिवेश-सचिवके पास शोक-सन्देश भेजा । फरवरी २ : डर्बनमें महारानीकी मूर्तिपर हार चढ़ाया और शोक सभा में उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की । फरवरी १६ : भारतीय अकाल-निधिमें प्राप्त रकमोंकी जानकारी अखबारोंमें छपाई । मार्च १९ : महारानीका स्मारक चित्र बाँटनेके लिए डर्बन स्कूलोंसे लिखा-पढ़ी की । मार्च २५ : पैदल-पटरीके प्रतिबन्धों और भारतीय-विरोधी कानूनोंकी सख्त अमलीके खिलाफ उच्चायुक्तको तार दिया और उसमें हवाला दिया कि सम्राट्की सरकारने जाति-भेदपर आधारित कानूनको यदि रद करनेका नहीं तो सुधारनेका ही सही, आश्वासन दिया था । मार्च ३० : बोअर युद्धमें सेवाकार्यके सिलसिले में जनरल बुलरके खरीतोंमें केवल अपने (गांधीजीके) नामके उल्लेखपर अप्रसन्नता प्रकट करते हुए उपनिवेश मन्त्रीको पत्र । अप्रैल १६ : भारतीय शरणार्थियोंको ट्रान्सवालमें वापस आनेके लिए परवाने न देनेकी बाबत पूर्व भारत संघ (ईस्ट इंडिया असोसिएशन) और ब्रिटिश समितिको तार । अप्रैल २० : दक्षिण आफ्रिकामें अबतक प्रचलित भारतीय-विरोधी कानूनों और भारतीयोंपर लादी गई अन्य निर्योग्यताओंके विषयमें इंग्लैंडके मित्रोंको पत्र । डर्बन आगमन के समय बम्बईके भूतपूर्व गवर्नर लॉर्ड हैरिसको भारतीयोंका अभिनन्दन-पत्र । अप्रैल २७ : इंग्लैंडके मित्रोंको ट्रान्सवाल-प्रवेश सम्बन्धी भारतीयोंकी कठिनाइयोंका लेखा भेजा । अप्रैल ३० : उपनिवेश-मन्त्रीको पत्र लिखकर आशा व्यक्त की कि भारतीय प्रवासी अधिनियमको बदलते हुए सरकार स्त्रियोंकी मजदूरी पुरुषोंकी मजदूरीसे आधी दरपर कायम रखेगी। Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५४८
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