तारीखवार जीवन-वृत्तान्त ५०७ मई ४ : दक्षिण आफ्रिकामें भारतीयोंकी निर्योग्यताओंकी ओर ध्यान खींचते हुए बम्बई सरकारको पत्र मई १, १० : जोहानिसबर्गके सैनिक गवर्नर और उच्चायुक्तको भारतीय मामलोंके लिए खोले गये प्रवासी मुहकमेकी अवांछनीयतापर पत्र । मई १८ : सर आल्फ्रेड मिलनर और श्री चेम्बरलेनसे प्रभावशाली व्यक्तियोंके संयुक्त शिष्ट- मण्डलके मिलनेकी आवश्यकतापर जोर देते हुए पूर्व भारत संघ और ब्रिटिश समितिको पत्र । मई २१ : रायचन्दभाईके देहान्तपर रेवाशंकर झवेरीको समवेदनाका पत्र | जून १ : भारतीय-विरोधी कानूनोंके सम्बन्धमें सम्मिलित प्रयत्नकी दृष्टिसे ब्रिटिश समितिको सुझाव दिया कि पूर्व भारत संघके साथ संयुक्त समितिका निर्माण किया जाये । जून २२ : दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंकी शिकायतोंके बारेमें ब्रिटिश समिति और पूर्व भारत संघके सम्मिलित प्रयत्नोंके विषय में श्री भावनगरीको पत्र । अगस्त १३ : यॉर्क और कॉर्नवालके ड्यूक और डचेसको नेटालके भारतीयोंका अभिनन्दनपत्र । अगस्त २३ : गांधीजीने डर्बन भारतीय प्रगतिशील संघके निर्माणके लिए बुलाई गई सभाकी अध्यक्षता की; संघके निर्माणकी योजनाको बेमौका माना । सितम्बर ?? : परवाना - कानूनके अन्तर्गत अपराध करनेके मुकदमे में भारतीय नाईकी पैरवी करके उसे छुड़ाया । अक्टूबर १५ : गांधीजीके भारत लौटनेके समय नेटाल भारतीय कांग्रेस तथा अन्य भारतीय संस्थाओंने उन्हें अभिनन्दन पत्र दिये । अक्टूबर १८ : गांधीजीने कीमती भेंटें वापस कीं और लोक-कल्याणके कामोंके लिए उनका ट्रस्ट बनाने की सिफारिश की । भारत रवाना हुए और वादा किया कि यदि समाजको आवश्यकता हुई तो वर्षके भीतर ही लौट आयेंगे । अक्टूबर ३० : पोर्ट लुई, मॉरिशसमें उतरे । नवम्बर १३, १६ : मॉरिशसके भारतीय समाजने स्वागत किया। नवम्बर १९ : मॉरिशससे भारतके लिए रवाना । दिसम्बर १४ : पोरबन्दर होते हुए राजकोट पहुँचे । दिसम्बर १७ : राजकोटसे कलकत्ता कांग्रेस जानेके लिए बम्बई रवाना; श्री भावनगरीसे मिले । दिसम्बर २७ : कांग्रेस अधिवेशनमें दक्षिण आफ्रिका सम्बन्धी प्रस्ताव पेश किया । जनवरी १९ : दक्षिण आफ्रिकावासी भारतीयोंके प्रश्नपर कलकत्ताके अल्बर्ट हालकी आम सभामें भाषण दिया । जनवरी २७ : बोअर युद्धमें भारतीय आहत सहायक दलके कार्यपर कलकत्तेकी दूसरी सभा में भाषण दिया। जनवरी २८ : जहाजसे रंगून रवाना । जनवरी ३१: रंगून पहुँचे । फरवरी २ : इस तिथिके बादकी किसी तिथिको कलकत्ता लौटे और कई दिन गोखलेके साथ ठहरे। फरवरी २१ या २२ : तीसरे दर्जेसे राजकोट जानेके लिए रवाना । गोखले और डॉ० प्रफुल्लचन्द्र राय स्टेशन पहुँचाने गये। बनारस, आगरा, जयपुर और पालनपुर हर जगह एक-एक दिन ठहरे; बनारसमें एनी बेसेंटसे मिलने गये । Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५४९
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