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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५५१

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त ५०९ दिसम्बर २५ : इस तिथिके पहले डर्बन पहुँचे । उपनिवेश मन्त्रीसे शिष्टमण्डलकी भेंटकी तिथि बदलनेके लिए नेटाल सरकारको लिखा । दिसम्बर २८ : नेटालके भारतीयोंके शिष्टमण्डलका नेतृत्व किया। नेटाली भारतीयोंकी शिकायतोंके बारेमें श्री चेम्बरलेनको प्रार्थनापत्र दिया । दिसम्बर २८ या २१ : पुलिस सुपरिंटेंडेंटकी सहायतासे श्री चेम्बरलेनके सामने प्रिटोरियावासी भारतीयोंके शिष्टमण्डलके नेतृत्वके लिए ट्रान्सवालमें प्रवेशकी अनुमति प्राप्त की । जनवरी : गांधीजी प्रिटोरिया पहुँचे । १९०३ जनवरी २ : सहायक उपनिवेश सचिवसे मुलाकात की; किन्तु कहा गया कि वे ट्रान्सवालके निवासी नहीं हैं, अतः शिष्टमण्डलमें शामिल नहीं हो सकते । जनवरी ६ : ब्रिटिश भारतीय समिति (ब्रिटिश इंडियन कमेटी) ने लेफ्टिनेंट गवर्नरसे प्रार्थना की कि गांधीजीको श्री चेम्बरलेनसे मिलनेवाले शिष्टमण्डल में शामिल होनेकी इजाजत दी जाये । जनवरी ७ ( के पूर्व ) : गांधीजीने शिष्टमण्डलकी ओरसे दिये गये प्रार्थनापत्रका मसविदा बनाया । शिष्टमण्डलके नेता जॉर्ज गॉडफ्रे थे । इसी मासमें इसके कुछ बाद गांधीजीने गिरमिटिया भारतीयोंके बारेमें वाइसरायको पत्र लिखकर प्रार्थना की कि यदि उन्हें ब्रिटिश नागरिकताके प्राथमिक अधिकार नहीं दिये जा सकते तो नेटालसे कहा जाये कि भारतीय मजदूर वहाँ बुलाये ही न जायें । जनवरी ३० : दादाभाई नौरोजीको श्री चेम्बरलेनसे शिष्टमण्डलकी बातचीत के बारेमें लिखा और नेटालमें गिरमिटिया मजदूरोंके आनेपर रोक लगानेकी बात सुझाई । फरवरी ५ : छगनलाल गांधीको पत्र, जिसमें दक्षिण आफ्रिकामें रुकनेकी अवधिकी अनिश्चितताकी बात लिखी और बताया : “यहाँ फूलोंकी सेज नहीं है ।" फरवरी १२ : बाजारोंके निर्माणके विषयमें लेफ्टिनेंट गवर्नरसे भेंट की । फरवरी १६ : सार्वजनिक कार्यके विचारसे जोहानिसबर्ग रहना तय किया और ट्रान्सवालके सर्वोच्च न्यायालयके वकीलोंमें नाम दर्ज कराया । फरवरी १८ : बाजारोंके बारेमें उपनिवेश-सचिवको अपना मत सूचित किया । फरवरी २३ : ट्रान्सवाल और ऑरेंज रिवर कालोनीके भारतीय प्रश्नपर दादाभाई नौरोजीको विस्तृत वक्तव्य भेजा । गोखलेको पत्र में लिखा कि ट्रान्सवालमें घटनाएँ तेजीसे घट रही हैं और वे " घमासानके बीच में " हैं । मार्च १६ : दक्षिण आफ्रिकाकी स्थितिपर दादाभाई नौरोजीको नियमित वक्तव्य भेजा । अप्रैल २५ : वेजिटेरियनमें दक्षिण आफ्रिका आनेके अभिलाषी प्रवासियोंको निर्देश-रूप लेख लिखा । उपनिवेश सचिवको हाइडेलबर्ग में भारतीय व्यापारियोंपर पुलिसके अत्याचारके विषयमें पत्र लिखा । अप्रैल २७ : हाइडेलबर्गकी घटनाओंके विषय में अपना पत्र अखबारोंको दे दिया । मई ? : १९०३ की सूचना ३५६ के विषयमें लेफ्टिनेंट गवर्नरको विलियम हॉस्केन और जोहानिस- बर्गके अन्य निवासियोंका प्रार्थनापत्र भेजा और यह राय प्रकट की कि प्रवासको नियमित करनेवाला कानून बनाना अधिक स्वीकार्य होगा । मई ६ : भारतीयोंको बाजारों आदिमें सीमित करनेवाले भारतीय विरोधी कानूनोंके अमलके विरोध में जोहानिसबर्ग में आम सभा की और माँग की कि वे कानून रद किये जायें। Gandhi Heritage Portal