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प्रार्थनापत्र : चेम्बरलेनको

नहीं कहा गया था। परवाना-अधिकारीने अपने कारण सिर्फ तब बताये जब कि मामलेकी अपील परिषदके सामने गई और परिषदने उससे कारण बताने को कहा। उपर्युक्त तीन अर्ज- दारोंको जब परवाने देनेसे इनकार किया जा चुका और उन्हें मालूम हुआ कि इनकार क्यों किया गया है, तब उन्होंने तुरन्त कहा कि वे अपने मकानोंमें सफाई-दारोगाके सुझाये हुए सब सुधार या फेरफार करनेको तैयार है। परन्तु परवाना-अधिकारी यह सब सुननेको तैयार नहीं था। उसने उनकी अजियोंपर विचार करनेसे इस आधारपर इनकार कर दिया कि नगर परिषदने उसका पहला निर्णय बहाल कर दिया है (परिशिष्ट ख)। यहाँ कह देना अनुचित न होगा कि अर्जदारोंने यह कभी नहीं माना कि उनके मकान अस्वच्छ हैं। और उन्होंने साबित करने के लिए डाक्टरी प्रमाण भी पेश किये थे कि मकानोंकी हालत सन्तोष- जनक है। प्रार्थी इसके साथ एक उद्धरण नत्थी कर रहे हैं (परिशिष्ट ग)। यह नगर-परिषदके सामने हुई कार्रवाईका एक अंश है। इससे तीनों वादियोंका मामला अधिक पूर्ण रूपमें स्पष्ट हो जायेगा। न्यूकैसिल नगर-परिषदमें आठ सदस्य हैं -एक डाक्टर, एक वकील, एक बढ़ई, एक जल-पानकी दूकानका मालिक, एक खान-कर्मचारी, एक पुस्तक-विक्रेता और दो वस्तु-भण्डार- मालिक। परवाना अधिकारी नगर-परिषदका क्लार्क भी है। फलतः जब नगर-परिषद परवाना- अधिकारीके फैसलेके खिलाफ अपील सुननेको बैठती है तब वही उसका क्लार्क भी होता है।

परन्तु डंडीका स्थानिक निकाय (लोकल बोर्ड) तो डर्बन और न्यूकैसिल दोनोंकी नगर- परिषदोंको मात देना चाहता है। पिछले नवम्बरमें परवाना-अधिकारीने एक चीनीको व्यापारका परवाना दिया था। और अधिकतर करदाताओंने उस अधिकारीके निर्णयके खिलाफ अपील की। स्थानिक निकायने दोके विरुद्ध तीनके बहुमतसे एक मात्र इस आधारपर परवाना रद कर दिया कि अर्जदार चीनी राष्ट्रीयताका था। अर्जदारके सॉलिसिटरने स्थानिक निकायको उसके निर्णयके विरुद्ध अपीलकी सूचनामें अपीलके ये आधार बताये थे:

(१) कि, आपके निकाय के कुछ सदस्य व्यापारी और दूकानदार और फुटकर व्यापारके परवानेदार हैं। इसलिए वह होई-ली ऐंड कम्पनी के हितोंको हानि पहुँचाये बिना अपीलके विषयका निपटारा करने में असमर्थ था --सम्भवतः उसे निपटारा करनेका अधिकार ही नहीं था।

(२) कि, आपके निकायको रचना ऐसी है कि होई-ली ऐंड कम्पनीको फुटकर व्यापारका परवाना न दिया जानेमें निकायके कई सदस्योंका व्यक्तिगत और सीधा आर्थिक स्वार्थ है। इसलिए उन्हें चाहिए था कि न तो वे निकायको बैठकमें उपस्थित होते और न इस प्रश्नपर अपनी राय ही देते।

(३) कि, आपके निकायके कुछ सदस्यों ने, जो बैठकमें शामिल हुए थे, होई-लो ऐंड कम्पनीकी पेढ़ीके खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और पक्षपात प्रकट किया। कारण यह था कि पेढ़ीके सदस्य चीनके निवासी हैं। और, खास तौरसे, एकने तो यहांतक कहा :

"मैं किसी चीनीको कुत्तेके बराबर भी मौका नहीं दूंगा।"

(४) कि, अपील करनेवाले करदाताओंने कोई गवाही या कानूनी सबूत पेश नहीं किया कि होई-ली ऐंड कम्पनीके लोग उपनिवेशमें रखने योग्य नहीं हैं।

(५) कि, अपील करनेवाले करदाताओंने कोई गवाही या कानूनी सबूत पेश नहीं किया कि परवाना-अधिकारीने जिस मकानके लिए परवाना दिया था वह तबतक