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सम्पूर्ण गांधी वाङमय


व्यापारके लिए बिलकुल अयोग्य और अनुपयुक्त है, जबतक कि मकान-मालिक होई-ली ऐंड कम्पनीके साथ अपने पट्टेमें किये हुए इकरारके अनुसार नया मकान नहीं बना देता।

(६) कि, निकायका निर्णय और प्रस्ताव न्यायके सिद्धान्तों तथा कानून दोनोंकी दृष्टिसे भी अयोग्य और अन्यायपूर्ण है।

मामलेके कागजात देखनेसे मालूम होता है कि यह चीनी एक ब्रिटिश प्रजाजन है। फिर भी उसकी जो गति हुई वही भारतीयोंकी भी होना असम्भव नहीं है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालयने अपील सुननेसे इनकार कर दिया। इसका कारण ऊपर बताये हुए न्यू- कैसिलके मामलेका फैसला ही था।

गत नवम्बरमें करदाताओंके अनुरोधपर डंडीके स्थानिक निकायके अध्यक्षने एक सभा बुलाई थी। उसका उद्देश्य एशियाइयोंको नगरमें व्यापार करने देनेके औचित्यपर विचार- विमर्श करना" था। इस समय डंडीमें लगभग दस भारतीय वस्तु-भण्डार है। सभाकी कार्रवाईके निम्नलिखित अंशोंसे मालूम होगा कि स्थानिक निकाय अगले वर्ष उनके साथ कैसा बरताव करना चाहता है:

श्री सी० जी० विल्सन (स्थानिक निकायके अध्यक्ष) ने अपने मंतव्यसे बहुत अच्छा असर पैदा किया। उन्होंने सभी विषयोंमें निकायको कार्रवाईका पोषण किया और कहा कि हमारा प्रयत्न, अगर सम्भव हो तो, नगरको एशियाई अभिशापसे मुक्त कर देनेका है। वे सिर्फ यहीं नहीं, बल्कि सारे नेटाल उपनिवेशके लिए एक अभिशाप हैं। उन्होंने सभाको आश्वासन दिया कि चीनी व्यापारीके सम्बन्धमें हमारी कार्रवाइयाँ स्वार्थ-रहित और पक्षपातहीन थीं और परवानेको रद करके हमने ईमानदारीके साथ वही किया है जिसे हम नगरके प्रति अपना कर्तव्य समझते थे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि करदाता अपनी राय जोरोंसे व्यक्त करके बता देंगे कि उनका इरादा इस अभिशापको नामशेष कर देनेका है।

श्री डब्ल्यू० एल० ओल्डएकर (निकायके एक सदस्य) कहा कि उन्होंने और निकायके अन्य सदस्योंने जो-कुछ ठीक समझा वही किया है। उन्होंने सभाको आश्वासन दिया कि उनकी कार्रवाइयोंमें पक्षपातका कोई भाव नहीं था और सभासद भरोसा कर सकते हैं कि वे निकायके सदस्यको हैसियतसे अपने कर्तव्यका पालन अवश्य करेंगे।

श्री एस० जोन्सने इसके बाद प्रस्ताव पेश किया कि, स्थानिक निकाय अवांछनीय लोगोंको परवाने देना रोकनेके लिए जो कुछ भी उसकी शक्तिमें हो, सब करे, कि, परवाना-अधिकारीको भी इस आशयका निर्देश दिया जाये; और यह कि, इनमें से जितने परवाने रद किये जा सकें उतनोंको रद करनेकी कार्रवाई की जाये। यह प्रस्ताव सर्व- सम्मतिसे, हर्ष-ध्वनिके साथ, मंजूर हो गया।

श्री सी० जी० विल्सनने इस निर्णयपर सभाको यह कहकर धन्यवाद दिया कि इससे निकायके हाथ बहुत मजबूत हो गये हैं और वह सभाके निर्णयपर अमल करेगा।

और भी कई सज्जनोंके भाषण हो जानेके बाद श्री हेस्टिग्जने प्रस्ताव किया कि टाउन-क्लार्क और परवाना-अधिकारी दो भिन्न व्यक्ति हों।

श्री विल्सनने कहा कि अधिकारियोंको अभीकी तरह ही रहने देना बहुत बेहतर होगा। बादमें, अगर परवाना-अधिकारीने इस प्रकारके मामलों में वैसी ही कार्रवाई न को