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प्रार्थनापत्र : चेम्बरलेनको

सुलेमान इब्राहीमके नामले खोली जानी थी । परन्तु मैंने उस अर्जीको नामंजूर कर दिया था । नगर- परिषदने ८ जनवरी, १८९८ को अपीलका फैसला सुनाते हुए मेंर निर्णयको बहाल रखा है। इन कारणोंसे साथकी अर्जी खारिज की जाती है ।

(ह.) टी० मैक-किलिकन
 
परवाना-अधिकारी
 
न्यूकैसिल बरो
 
परिशिष्ट

न्यूफैसिल बरोकी नगर-परिषदकी शनिवार, जनवरी [८] १८९८ को परिषदके सभा-भवन में हुई विशेष बैठकके प्रमाणित कार्य-विवरणके अंश । यह बैठक, सुलेमान ईसप वावड़ा, अब्दुल रसूल और सज्जाद मियाजानकी परवानोंकी अजियोंपर. १८९७ के कानून नं० २८ के अनुसार नियुक्त परवाना-अधिकारीके निर्णयके विरुद्ध अपील सुननेके लिए हुई थी । वावड़ाने मचिसन स्ट्रीटके प्लाट नं० ३७ के लिए दो परवानोंकी अर्जी दी थी। उसफी और अब्दुल रसूल तथा सज्जाद मियाजानकी परवानोंकी अर्जियाँ परवाना-अधिकारीने और अपीलमें नगर-परिषदने भी खारिज कर दी।

आरम्भमें श्री लॉटनने चाहा कि १८९७ के कानून १८ के अनुसार परवाना-अधिकारीके पदपर परिषदके ही किसी अफसर की नियुक्ति की जानेके विषय में उनका विरोध दर्ज कर लिया जाये । और उन्होंने इसके समर्थनमें परिषदके सामने भाषण किया।

अपीलें

सुलेमान ईसप वावड़ा- अजियां नं० २०, २१-१८९८ । श्री लॉटनने परवाना-अधिकारीके पाससे अर्जदारको भेजी गई २३ दिसम्बर, १८९७ की सूचना और सफाई-दारोगाकी रिपोर्ट पढ़कर सुनाई । सफाई-दारोगाफी रिपोर्ट इस प्रकार थी:

सफाई-सम्बन्धी रिपोर्ट
 

मैंने मचिसन स्ट्रीटके नं० ३७ का मुआयना किया। इसमें खुदरा दूकान खोलनेका परवाना माँगा गया है। तमाम अत मकानोंके समान इसमें भी रोशनी और हवाका प्रबन्ध खराब है । अन्यथा, मकान काफी अच्छी हालतमें है । लोग सोनेका कमरा ठीक करने में व्यस्त थे । परन्तु अभी दूकान और सोनेके कमरे के बीच दरवाजा है । मुआयनेका अनुमान करके मकानको साफ और ठीक-ठाक दिखानेकी बहुत कोशिश की गई है। परवाना-कानूनकी व्यवस्थाओंका यह एक अच्छा नतीजा है ।

(ह.) जैस० मैकडॉनल्ड
 
सफाई-दारोगा
 

और उन्होंने नं० ३७, मचिसन स्ट्रीटके लिए परवानेकी अर्जीपर परवाना-अधिकारीफा निर्णय और उसके कारणोंको भी पढ़कर सुनाया। उन्होंने दावेके साथ कहा कि सफाई-दारोगाकी रिपोर्ट सन्तोषजनक है; और अगर न भी हो तो परवाना कुछ शौपर दिया जा सकता है ।

आगे, श्री लॉटनने २३ दिसम्बर, १८९७ को अर्जदारको भेजी गई सूचना और सफाई-दारोगाकी यह रिपोर्ट पढ़ी :

सफाई-सम्बन्धी रिपोर्ट
सुलेमान ईसप वावड़ा

जिस मकानके लिए परवाना माँगा गया है वह स्कॉट और ऐलन स्ट्रीटके कोनेपर है । यह शहरका एक विशिष्ट स्थल है । सहायकों के सोनेका कमरा सायकी छोटी दूकानमें है । अर्जदार खुद बड़ी दूकानके पीछे रहता

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