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पत्र : तुलसी मेहरको

में यह भी याद रहना चाहिए कि आयोगकी बैठक शुरू होने से भी पहले जनरल स्मट्सके साथ मेरा यह समझौता हो गया था कि एशियाई अधिनियम रद कर दिया जायेगा और जनरल स्मट्स आयोगसे ऐसे निष्कर्षोंकी अपेक्षा करेंगे, जिनके आधारपर वे हमसे एक सम्मानजनक समझौता कर सके। यह बात अंशतः लिखित रूपमें मौजूद है।

आशा है, आप स्वस्थ होंगी। अभी आप जिन नाजुक कामोंमें लगी हुई हैं, उनमें आपकी पूरी सफलताकी कामना करता हूँ।

हृदयसे आपका,

सह-पत्र: १

श्रीमती सरोजिनी नायडू
मार्फत—वी० जे० पटेल

दिल्ली

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ११९४६) की फोटो-नकलसे।

९७. पत्र : तुलसी मेहरको

साबरमती आश्रम
बुधवार [१० मार्च, १९२६][१]

भाई तुलसी मेहर,

तुम्हारे खत आया करते हैं। ठिकाना अनिश्चित होनेके कारन में कुछ नहीं लिखता था। मेरा स्वास्थ्य अच्छा है। एप्रिल मासमें पहाड़पर जानेकी कुछ कोशीश हो रही है। सिर्फ चावल और शाकसे शारीरिक शक्ति अच्छी रह सकती है क्या? शरीरको हरगीज नहीं बिगाड़ना। आजकल आश्रम भरा रहता है।

बापुके आशीर्वाद

मूल पत्र (जी० एन० ६५२५) की फोटो-नकलसे।

 
  1. साधन-सूत्र में पत्रके ऊपरके भागमें किसीने घसोटमें ११-३-१९२६ लिख दिया है जो सम्भवतः पत्रको डाकमें डालनेकी तिथि है।