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१०२. टिप्पणी

कांग्रेसके सदस्य बननेवालोंको

अब कांग्रेसके सदस्य बननेके लिए चरखा संघके प्रार्थनापत्रमें सिर्फ सदस्य बननेकी इच्छा प्रकट कर देनेसे या 'अ' अथवा 'ब' लिख देनेसे ही काम न चलेगा। कांग्रेसकी सदस्यताके लिए एक विशेष प्रार्थनापत्र तैयार किया गया है। जो लोग कांग्रेसके सदस्य बनना चाहते हैं, उन्हें चाहिए कि वे उसे भरें। लेकिन इस प्रार्थनापत्रको भरनेके अलावा उन्हें इस वर्ष (१९२६) के लिए २,००० गज सूत कातकर भेजना होगा। केवल तब ही उन्हें कांग्रेसका प्रमाणपत्र (सर्टीफिकेट) मिल सकेगा। उदाहरणके तौरपर, यदि चरखा-संघके 'अ' वर्गके किसी भी सदस्यने अक्तूबरसे दिसम्बर तकका ३,००० गज सूत दे दिया है तो जबतक वह जनवरीसे फरवरीतक का २,००० गज सूत और नहीं देता तबतक उसे कांग्रेसका प्रमाणपत्र नहीं भेजा जायेगा। यदि किसीने जनवरीतक का सूत दे दिया है तो वह भी जबतक फरवरीका १,००० गज सूत नहीं भेजता तबतक वह कांग्रेसका सदस्य नहीं बन सकता। इसी तरह जो 'ब' वर्गके सदस्य अक्तूबर, नवम्बर या दिसम्बर १९२५ में २,००० गज सूत दे चुके हैं, वे भी जबतक २,००० गज [और] सूत नहीं भेजते तबतक कांग्रेसके सदस्य नहीं बन सकते।

हिन्दी नवजीवन, ११-३-१९२६

१०३. पत्र : पी० एस० आर० चौधरीको

साबरमती आश्रम
११ मार्च, १९२६

प्रिय मित्र,

आपका पत्र और संलग्न कागजात मिले। आपने बड़े ही प्रभावशाली ढंगसे एक दर्दनाक कहानी बयान की है। मुझे तो लगता है कि आप जिस आन्दोलनकी बात सोच रहे हैं, उससे कोई विशेष लाभ नहीं होगा। इस स्थितिसे छुटकारा पानेके लिए हमें अपने अन्दर सच्ची ताकत पैदा करनी है। खैर, मैं इस विषयपर 'यंग इंडिया' के पृष्ठोंमें लिखूँगा।[१]

हृदयसे आपका,

श्रीयुत पी० एस० आर० चौधरी

अवैतनिक मन्त्री
ग्लासगो इंडियन यूनियन

मार्फत-ग्लासगो यूनिवर्सिटी, ग्लासगो

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १२४४०) की फोटो-नकलसे।

  1. देखिए "केवल परिमाणका भेद", १८-३-१९२६।