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६. पत्र : क्लारा एलियासको

साबरमती आश्रम
११ फरवरी, १९२६

प्रिय मित्र,

आपका पिछली १ जनवरीका लिखा पत्र पाकर मुझे बड़ी खुशी हुई। यह बिलकुल सच है कि अभी हम जो-कुछ चाहते हैं, वह यही कि आज जितने भी प्रतिकूल लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उन सबके बावजूद हममें यह दृढ़ आस्था अन्ततः सत्यकी विजय अवश्य होगी। पर ऐसा विश्वास होना तबतक असम्भव है जबतक कि व्यक्ति कष्ट-सहनको जीवनकी सबसे मूल्यवान निधि माननेको तैयार न हो।

हृदयसे आपका,

मैडम क्लारा एलियास

रॉखुस्स्ट्रास, ३ जी०

ड्यूजेलडॉर्फ, (जर्मनी)

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १४०९२) की फोटो नकलसे।

७. पत्र : अनुपमा बनर्जीको

साबरमती आश्रम
११ फरवरी, १९२६

प्रिय बहन,

आपका पत्र मुझे कल मिला और जाहिर है कि सुप्रभाका विवाह इस महीनेकी ४ तारीखको ही हो गया। खैर, इससे कुछ हर्ज नहीं हुआ है, क्योंकि विवाहमें शरीक हो पाना मेरे लिए असम्भव ही था और मेरे आशीर्वाद देने में बहुत देर हो गई, ऐसा तो नहीं ही कहा जायेगा। मैं उसके और उसके पति दोनोंके लिए उस सब सुख और आनन्दकी कामना करता हूँ जिसके वे अधिकारी हैं और प्रभुसे प्रार्थना करता हूँ कि उन्हें दीर्घ जीवन प्राप्त हो, जिसे वे देश सेवामें लगायें। आशा है आप सब सकुशल हैं।

हृदयसे आपका,

श्रीमती अनुपमा बनर्जी

५७ बी०, लिंटन स्ट्रीट

कलकत्ता

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १४०९३) को माइक्रोफिल्म से।