६२. पत्र : ए० अरुणाचलम् पिल्लेको
साबरमती आश्रम
२६ फरवरी, १९२६
प्रिय मित्र,
आपका तार और पत्र भी मिला। डॉ० नायडूने मुझे तार भेजकर इस बातका जोरदार प्रतिवाद किया है कि सत्याग्रहियोंने हिंसासे काम लिया। इसके विपरीत उनकी शिकायत है कि हिंसात्मक व्यवहार उन लोगोंने किया जो तथाकथित अस्पृश्यों द्वारा मन्दिरोंकी समीपवर्ती सड़कों के प्रयोगका विरोध करते हैं।
यदि आपके पास सत्याग्रहियोंके हिंसात्मक व्यवहार करनेका कोई प्रमाण है तो मैं खुशीसे उसकी जाँच करूँगा। आपके पत्र में मात्र ऐसे आरोप हैं जिनकी पुष्टि करने के लिए कोई प्रमाण नहीं दिया गया है। फिर भी, मैं आपका पत्र डॉ० नायडूके पास जवाब देनेके लिए भेज रहा हूँ।
हृदयसे आपका,
शुचीन्द्रम्
नागरकोइल, डाकघर
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १४०७४) की माइक्रोफिल्मसे।
६३. पत्र : डॉ० नायडूको
साबरमती आश्रम
२६ फरवरी, १९२६
प्रिय डॉ० नायडू,
इस पत्रके साथ एक सवर्ण हिन्दूका पत्र भेज रहा हूँ। मैंने उन्हें जवाब में लिखा है कि आप इस बात से कतई इनकार करते हैं कि किसी भी सत्याग्रहीने कोई हिंसात्मक व्यवहार किया है। क्या आप पत्र में लिखे गये आरोपोंके सम्बन्धमें मुझे अपना जवाब देनेकी कृपा करेंगे?
हृदयसे आपका,
नागरकोइल
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १४०७५) की माइक्रोफिल्मसे।