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क्या यह जीवदया है?–१
पागल कुत्तेने दूसरे अच्छे कुत्तोंको काट खाया। इसलिए आदमियोंकी सलामतीके लिए मैंने यह काम करना (कुत्तोंको मरवाना) उचित समझा।' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा, 'मैंने जिस दिन यह कृत्य किया, उस दिन रातको मुझे नींद नहीं आई। में दूसरे दिन सुबह महात्माजीसे मिला और सारी बात बताकर उनकी सम्मति पूछी।' महात्माजीने कहा, 'इसके सिवा और किया ही क्या जा सकता था?' क्या यह बात सच है? यदि आपने भी यही जवाब दिया हो तो हम लोग इसका क्या अर्थ समझें?
हम आशा करते हैं कि आप इसका समुचित स्पष्टीकरण करेंगे जिससे शहरमें फैली हुई यह चर्चा बन्द हो जाये और हिन्दू धर्मके ऊपर इस आघातसे एक प्रसिद्ध व्यक्तिका आदर्श उपस्थित हो जानेके कारण जीवदयाकी प्रगति अवरुद्ध न हो। और इसलिए यदि आपके विचार बताने योग्य हों तो उन्हें प्रकाशित करें।
यह भी सुनने में आया है कि अहमदाबाद नगरपालिकाको बैठकमें आवारा कुत्तोंको खस्सी करनेका प्रस्ताव पेश किया जानेवाला है। क्या यह उचित है? प्रकृतिके बनाये हुए किसी भी प्राणीको इस प्रकार खस्सी करनेमें धार्मिक दृष्टिसे क्या कोई दोष नहीं है? हम आशा करते हैं कि आप इस बारेमें भी सच्चा मार्ग यानी अपने विचार बतायेंगे।

मिल-मालिकका नाम अहमदाबाद तो जानता ही है; किन्तु 'नवजीवन' अहमदाबादके बाहर भी पढ़ा जाता है। इसलिए किसी सिद्धान्तकी चर्चा करनेमें जहाँतक हो सके नाम-ठाम न देनेकी अपनी प्रथाके अनुसार मैंने मिल-मालिकका नाम छोड़ दिया है। जीवदया सभाका उठाया हुआ यह प्रश्न कठिन है। जब यह घटना घटी तभी या उससे भी पहले, इसके तत्त्वकी 'नवजीवन 'में चर्चा करनेका मैंने विचार किया था; लेकिन पीछे वह विचार छोड़ दिया। यह पत्र मिलनेपर तो इसकी चर्चा करनेका दायित्व और कर्त्तव्य मेरे ऊपर आ ही पड़ा है।

मिल-मालिकके साथ मेरा मधुर—अगर कह सकें तो—मित्रताका सम्बन्ध है। उन्होंने कुत्तोंको मरवानेके बाद, मेरे पास आकर अपनी मनोव्यथा व्यक्त की थी और मेरी सम्मति पूछी थी। उन्होंने मुझसे कहा—"जब सरकार, नगरपालिका और पंच लोग, कोई भी मेरा छुटकारा न कर सके, तब मुझे यह काम करना पड़ा।" जिस उत्तरका इस पत्रमें उल्लेख है, मैंने वैसा ही उत्तर दिया था।

बादमें विचार करनेपर भी मुझे अपना उत्तर उचित मालूम होता है।

पागल कुत्तोंको मार डालनेके सिवा, हम अपूर्ण मनुष्योंके पास कोई उपाय ही नहीं है। खून करनेपर उतारू मनुष्यको मारनेका धर्म-संकट कई बार अनिवार्य हो जाता है।

अगर हम शहरोंके आवारा कुत्तोंको रखनेका हठ करेंगे तो उनको हमें खस्सी करना पड़ेगा या फिर मारना होगा। आवारा कुत्तोंके विशेष पिंजरापोल रखना तीसरा