आया तो निश्चय ही मुझे वहाँ आपसे मिलकर प्रसन्नता होगी। इस बातकी थोड़ी-सी सम्भावना है कि मैं शायद कांग्रेसके आगामी अधिवेशनमें शामिल न हो सकूँ। दिसम्बर के दूसरे सप्ताहमें मुझे यह और अच्छी तरहसे मालूम हो जायेगा।
४ से २० दिसम्बर के बीच में नागपुरके पास वर्धामें होऊँगा।
मुझे बेशक याद है कि लन्दनमें जब में दक्षिण आफ्रिकी शिष्टमण्डल लेकर गया था, उस समय मुझे आपके साथ दोपहरका भोजन करनेका सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
हृदयसे आपका,
द्वारा ग्रेट ईस्टर्न होटल
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९७४७) की फोटो नकलसे।
७३. पत्र : जे० डब्ल्यू ० पेटावलको
आश्रम
साबरमती
२४ नवम्बर, १९२६
आपका पत्र मिला। आपके लेखोंके अलावा आपकी गतिविधिके बारेमें कुछ जान सकनेके लिए मैंने कलकत्ताके एक स्नेही मित्रको आपका ठिकाना देखनेको लिखा है।[१] उनके पत्रका एक अंश संलग्न है।[२] इसलिए आप देखेंगे कि मैं अपने ही तरीकेसे आपके आन्दोलनको समझनेका प्रयत्न कर रहा हूँ। मैं तो चाहूँगा कि इस चीजकी जाँच-पड़ताल आप मुझे अपने ढंग से करने दें।
हृदयसे आपका,
बागबाजार
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९७४८) की माइक्रोफिल्मसे।