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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

केले के छिलकेमेंसे रेशे निकालकर कपड़े बनाये जाने चाहिए इत्यादि। इस सबके अनुभव सिद्ध हो जानेके बाद भी यदि कोई चरखेको छातीसे लगाकर रखे तो वह मूर्ख गिना जायेगा। किन्तु समझ लो कि उस समय चरखेका भावार्थ कोई इस तरह निकाले कि जिस साधनसे सारे समाजको जीविका मिल सके, वह साधन अथवा वह काम — लकड़ीकी बनी हुई चीज नहीं, तो?

इसी तरह यज्ञके अर्थके विषय में समझना चाहिए। व्यासजीने जो अर्थ नहीं किया वह हम कर सकते हैं और यही ठीक भी है।

सहयज्ञाः प्रजाः सृष्ट्वा पुरोवाच प्रजापतिः।
अनेन प्रसविष्यध्वमेष वोऽस्त्विष्टकामधुक्॥
देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः।
परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ॥(३,१०-११)

प्रजापति अर्थात् ब्रह्माने जब सृष्टि पैदा की, तब उसके साथ ही साथ उसने यज्ञ भी पैदा किया और कहा: इसके द्वारा तुम बढ़ो, तुम्हारा भला हो और इसमें से मनोवांछित फल प्राप्त करो:

तुम देवताओंको सन्तुष्ट करो। देव तुम्हें सन्तुष्ट करेंगे। एक-दूसरेको सन्तुष्ट करते हुए तुम परमश्रेय प्राप्त करोगे।

'देव' शब्दका अर्थ भी सोच लेना चाहिए। इन्द्रादि देव कौन हैं? पानी अथवा वनका देवता कौन है? सुबहकी प्रार्थनाके श्लोकोंके सम्बन्धमें विवाद उठा था कि क्या हम सरस्वतीको दो हाथ-पाँववाली कोई देवी समझकर पूज सकते हैं। इसी प्रकार यहाँ भी देवोंका अर्थ कोई दूर बैठे हुए इन्द्रादि न होकर जगत् में व्याप्त अनेक शक्तियाँ ही हैं। तैंतीस कोटि देवताका अर्थ यदि हम मनुष्य मान लें, तो इसका अर्थ हो जायेगा, हम सब और जगत् मात्र अर्थात् जीव मात्र। देवका अर्थ हुआ जितनी शक्तियाँ पड़ी हुई हैं वे सबकी सब जगत्‌का पोषण करनेवाली सारी शक्तियाँ। भयानक देवताओंकी कल्पना उठाकर फेंक देने जैसी नहीं है। ईश्वरकी तीन शक्तियाँ हैं: सर्जक, संरक्षक और संहारक ये सब परस्पर पोषक हैं। किन्तु हमारा ज्ञान अधूरा है — इसीलिए हम इन तीनों शक्तियोंका अनर्थ करते हैं। नागपंचमीका त्योहार सांपों के उपद्रवसे बचने की दृष्टिसे मनाया जाता है। सर्पोको संतुष्ट करनेकी दृष्टिसे इसका पालन उचित नहीं है। इसी तरह भूत-प्रेतादिका क्या अर्थ है? यह सब हमारे मनकी कल्पना है। हमें तो जगतका पोषण करनेवाली शक्तिकी आराधना करनी है। ईश्वरकी समस्त शक्तिकी आराधना करनी है।

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मंगलवार, १३ अप्रैल, १९२६

हम यज्ञका मनमाना अर्थ नहीं कर सकते। जो 'गीता' के अनुकूल हो सकता हो, वही अर्थ कर सकते हैं। रेखागणितके सिद्धान्तोंका जो अर्थ निकल सकता है,