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'गीता- शिक्षण'

न आने-जैसी कठिन बात है। यही माया है। इसी मायाके कारण में समय-समयपर जन्म लेता हूँ। हम जहाँतक बुद्धि जा सकती है, वहींतक तो सोच सकते हैं। तब फिर अवतारका क्या मतलब समझें। यह नहीं कि ईश्वर ऊपरसे नीचे उतरता है। अवतार तो हम सभी लेते हैं। यदि बिना अभिमानके कहा जा सके तो यह ठीक है। देहमें निवास करनेवाला आत्मा मात्र एक ही शक्तिसे ओतप्रोत है। यद्यपि बाह्य रूपके कारण हमें भेदकी प्रतीति होती है किन्तु यदि हमें ज्ञान हो जाये तो फिर सब एक हैं। अज्ञानावस्थामें अलग-अलग हैं। वास्तवमें अनेक नहीं, एक ही है।

इस आत्मतत्त्वका विचार करते हुए मारना मरना, क्रोधित होना आदि सब समाप्त हो जाता है। यह बात समझमें आ सकती है कि हमें मारनेवाला अपनेको भी चोट पहुँचाता है।

'अवतार लेता हूँ' ऐसा कहना लौकिक भाषाका उपयोग है। ईश्वर आत्मारूप है, इसलिए उसके अवतार लेने या जन्मनेकी बात नहीं हो सकती। वह तो जैसा है, वैसा है। लौकिक दृष्टिसे हम किसीमें कोई विशेष विभूति देखते हैं और उसे अवतार कहते हैं। ईश्वरकी भाषामें अवतार-जैसी कोई वस्तु नहीं है। हमारी भाषामें अवतार-जैसी वस्तु है।

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शुक्रवार, ७ मई, १९२६

अर्जुनने पूछा कि आपने मुझसे पहले अनेक लोगोंको यह योग बताया है, यह कैसे सम्भव हुआ? कृष्णने जवाब दिया कि तेरे और मेरे अनेक जन्म हो गये हैं। उनके बारेमें मैं जानता हूँ, तू नहीं जानता। मैं अजन्मा, अव्यय, प्राणिमात्रका ईश्वर और अन्तर्यामी हूँ, फिर भी अपनी प्रकृतिका आश्रय लेकर मायाकी शक्तिसे इस पृथ्वीपर आता हूँ।

इसके बाद वे बताते हैं कि ईश्वरका अवतार कब होता है:

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥(४,७)

जब-जब धर्मकी ग्लानि होती है और अधर्मकी वृद्धि होती है तब-तब में अपनेको जन्म देता हूँ, मैं स्वयं पृथ्वीपर उतरता हूँ।

ऐसा कहकर ईश्वरने सारे संसारको आश्वासन दिया है। यदि धर्मकी ग्लानि हो और ईश्वर सोता रहे, तब तो आदमी कुछ भी नहीं कर सकता। इस कलिकालमें जितना करते हैं, सब उलटा हो जाता है। हिन्दू-मुसलमान लड़ते ही रहते हैं। तब फिर कोई क्या करे ? मुझे बड़ा मोह था कि हिन्दू मुसलमान न लड़ें; मैं इसके लिए जुटा रहा किन्तु मुझसे कुछ भी नहीं बना। तब क्या इनके बीचमें झगड़ा हुआ ही करेगा? नहीं; ऐसा नहीं है। यदि आदमी मर्यादा छोड़कर विषयोंमें पड़ा रहेगा, तो क्या ईश्वर उस परिस्थितिको चलने देगा। ईश्वर कहता है कि यत्किचित् विषयोंमें